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पुलिस की शह के बिना नशे का कारोबार संभव नहीं : डीजीपी

हरियाणा के डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में नशे के कारोबार को पुलिस की शह हासिल है। बातों-बातों में उन्होंने पंजाब में फैल रहे नशे की ओर भी इशारा किया।

By Test1 Test1Edited By: Updated: Sat, 11 Jun 2016 08:39 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, यमुनानगर। हरियाणा के डीजीपी केपी सिंह ने माना कि प्रदेश में नशे के कारोबार को पुलिस की शह हासिल है। उन्होंने कहा कि अपने लाभ के लिए चंद लोग युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में धकेल रहे हैं और उन पर अंकुश लगाने के बजाए पुलिस के कुछ अधिकारी व कर्मचारी उनकी मदद कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केपी सिंह शनिवार को यमुनानगर में आयोजित पंचायती राज में पुलिस की भूमिका विषय पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

पुुलिस की बेखबरी गले नहीं उतरती

डीजीपी केपी सिंह ने कहा कि मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि किसी गांव में नशे का अवैध कारोबार चल रहा हो और संबंधित थाने की पुलिस उससे बेखबर हो। उन्होंने पंचायतों व आम लोगों से आह्वान किया कि वे नशीले पदार्थ बेचने वालों व नशा करने वाले दोनों के खिलाफ आवाज उठाएं।

बातों-बातों में पंजाब में फैलते नशे की ओर इशारा

उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों लेक्चर देने गया तो मैने स्टूडेंट से पूछा था कि आपके बीच में कितने युवा नशा करते हैं। छात्र ने कहा था कि 50 फीसद से ज्यादा। इससे साफ है कि नशे की गिरफ्त में आकर युवा पीढ़ी किस तरह से बर्बाद हो रही है।

पुलिस सुनवाई ना करें तो मुझे फोन करें

केपी सिंह ने कहा कि नशे के खिलाफ भी जीरो टोलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। डीजीपी ने विभिन्न गांवों से आए सरपंचों व पंचों को अपना मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि वे मुझे फोन करें। यदि मैं फोन नहीं उठाता तो एसएमएस करें। इसमें अपने गांव का नाम, थाना व नशीले पदार्थ बेचने वाले का नाम बताएं। हो सके तो पहले अपने थाना में एसएचओ के पास जाएं। सुनवाई नहीं होती तो मुझसे संपर्क करें। सभी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

नशामुक्त गांव होगा सम्मानित

डीजीपी ने सरपंचों से कहा कि जिस गांव की वर्ष 2016 में कोई एफआइआर पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होगी उसे सम्मानित करने छह महीने बाद मैं फिर यहां आऊंगा।

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