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ठंड व बरसात का असर, मंडी में घटी कच्चे माल की आवक

कड़ाके की ठंड व गत दिनों हुई बरसात का असर जिले की लक्कड़ मंडियों पर भी पड़ रहा है। मंडी में कच्चे माल की आवक घट गई है। जिसका सीधा प्रभाव प्लाईवुड इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। कच्चे माल की कमी होने लगी है।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:13 PM (IST)
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ठंड व बरसात का असर, मंडी में घटी कच्चे माल की आवक

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कड़ाके की ठंड व गत दिनों हुई बरसात का असर जिले की लक्कड़ मंडियों पर भी पड़ रहा है। मंडी में कच्चे माल की आवक घट गई है। जिसका सीधा प्रभाव प्लाईवुड इंडस्ट्री पर पड़ रहा है। कच्चे माल की कमी होने लगी है। जिस कारण उत्पादन पर प्रभाव पड़ रहा है। कई प्लाईवुड फैक्ट्रियों में कच्चा माल खत्म हो चुका है। लक्कड़ के अच्छे दाम होने पर भी माल कम आ आ रहा है। जानकारों का कहना है कि इन दिनों खेतों में गेहूं व सरसों की फसल खड़ी है। खेत खाली नहीं है। दूसरा ठंड व बरसात की वजह से भी लेबर काम पर नहीं आ रही है। जिससे कटाई नहीं हो रही है। दो से ढाई लाख क्विटल कच्चे माल की खपत

जिला प्लाईवुड के काम में मशहूर है। यहां पर प्लाईबोर्ड, पीलिग, आरा व चिपर सहित 1200 के करीब इकाईयां हैं। मंडौली व मानकपुर में लक्कड़ मंडी है। वन विभाग के मुताबिक इंडस्ट्री में हर रोज दो से ढाई लाख कच्चे माल की खपत है। 85 प्रतिशत कच्चा माल उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आता है। 15 प्रतिशत पंजाब व हरियाणा के विभिन्न जिलों से कच्चा माल मंडियों में आता है। जब से ठंड बढ़ी है। लक्कड़ मंडी में कच्चे माल की आवक घटी है। बरसात होने से आवक पर ज्यादा ही प्रभाव पड़ा है। कटाई व लोड करने में आती है समस्या

मंडी के डायरेक्टर संदीप राणा का कहना है कि मंडी में कच्चे माल की आवक कम हुई है। बरसात व ठंड के कारण यह आवक घटी है। क्योंकि बरसात के कारण खेतों में कटाई का कार्य व माल लोड नहीं हो पाता। धीरे-धीरे हो रहा सुधार

टिबर व्यापारी व लक्कड़ मंडी के पूर्व प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि इन दिनों पापुलर का रेट 900 से 1100 रुपये प्रति क्विटल रेट है। धीरे-धीरे आवक में सुधार आ रहा है। सोमवार शाम को काफी ट्रालियां मंडी में आई हैं। यदि आगामी दिनों में मौसम खराब हुआ तो स्थिति फिर बिगड़ सकती है। किसानों के पास अच्छा मौका

भारतीय किसान संघ के जिला प्रधान पिटू राणा का कहना है कि ठंड व बरसात के अलावा मंडी में लक्कड़ की आवक घटने का दूसरा कारण भी है। इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल है। फसल के कारण पोपुलर व सफेदे की कटाई नहीं हो पाती। हालांकि यदि किसानों के पास तैयार कच्चा माल है तो वह इन दिनों अच्छे दामों पर मंडी में बेच सकता है।

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