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Farmer Protest: किसान चुनाव नहीं लड़ता, इस तरह की बातों से आंदोलन होगा कमजोर : राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा है कि केंद्र सरकार खुद ही नहीं चाहती की आंदोलन खत्म हो। केंद्र चाहे तो आंदोलन खत्म हो सकता है। आंदोलन समाप्त करने के लिए केंद्र को किसानों से बात करनी होगी। किसान एमएसपी मांग रहा है। यह किसानों का हक है। यह शब्द किसान नेता व भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहे।

By Avneesh kumar Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Wed, 28 Feb 2024 07:46 PM (IST)
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किसान चुनाव नहीं लड़ता, इस तरह की बातों से आंदोलन होगा कमजोर: राकेश टिकैत
संवाद सहयोगी, रादौर। Kisan Andolan: केंद्र सरकार खुद ही नहीं चाहती की आंदोलन खत्म हो। अगर सरकार चाहेगी तो किसानों का आंदोलन समाप्त हो सकता है। सरकार आंदोलन को चुनावों के बाद तक खींचने का प्रयास कर रही है। सरकार अगर आंदोलन को समाप्त करवाना चाहती है तो इसके लिए किसानों से बात करनी होगी और उनकी मांगों पर विचार करना होगा। 

किसानों को बांटने का प्रयास कर रही सरकार

सरकार किसानों को बर्बाद करना चाहती है, उन्हें बांटने का प्रयास कर रही है और किसानों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। किसान एमएसपी मांग रहा है। यह किसानों का हक है। यह शब्द किसान नेता व भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहे। वह भाकियू जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर के गांव धौडंग स्थित निवास पर पहुंचे थे। 

सरकार के लोग आंदोलन में शामिल - राकेश टिकैत

उन्होंने कहा कि किसानों ने एमएसपी गांरटी कानून की बात की है। आंदोलन के दौरान सरकार गिराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान चुनाव नहीं लड़ता। किसानों को चुनाव से दूर रहना है। अगर इस प्रकार की बातें आंदोलन के दौरान होती है तो इससे किसान आंदोलन को भी नुकसान होगा। कुछ सरकार के लोग आंदोलन में शामिल है जो आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं, जिससे सरकार को इसका लाभ मिले। 

किसानों से बात करके समाधान निकाले सरकार

इस आंदोलन को केवल पंजाब का आंदोलन बनाने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है। सिखों, किसानों व पंजाब सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पूरे देश का किसान मांगों को लेकर एक है। जब भी पूरे देश के किसानों को एकजुट होने का बुलावा मिलेगा तभी किसान एकजुट होकर इस आंदोलन में पूर्ण भागीदारी जरूर निभाएंगे। आंदोलन में झंडा व बैनर अलग हो सकता है लेकिन पूरे देश का किसान मांगो को लेकर पूरी तरह से एकजुट है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों की कमेटी से बातचीत करे और इसका समाधान निकाले। 

अगर सरकार किसानों को पीछे हटाने की सोच रही है तो ऐसा होने वाला नहीं है। किसान अपनी मांगो के पूरा होने तक आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि तालमेल कमेटी भी सरकार से वार्ता करे और उसके आधार पर आगामी रणनीति बनाई जाए। फिर आंदोलन को क्या रूप देना है इसकी रूपरेखा तैयार होनी चाहिए। इस मौके पर जयपाल चमरोड़ी, साहब सिंह गुर्जर, अशोक चौधरी, प्रधान अशोक कांबोज, सुलेख चंद, कर्ण चानना, साहिल सेतिया, विनोद डांगी, पवन गोयल, धर्मवीर चमरोडी, जरनैल सरपंच रूलाखेड़ी, देवेंद्र, गुरदयाल भी उपस्थित रहे।

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