Poisonous Liquor Scandal: हरियाणा सरकार ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग, प्रदेश में खुलेंगी चार फास्ट ट्रैक कोर्ट
हरियाणा के यमुनानगर व अंबाला में जहरीली शराब पीने से हुई 20 से अधिक लोगों की मौतों को लेकर अब प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। राज्य सरकार ने मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है और इस बैठक को लेकर सीएम मनोहर लाल ने निर्देश दिए। इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मंगलवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों मौजूद रहे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Govt High Level Meeting: यमुनानगर व अंबाला में जहरीली शराब (Poisonous Liquor Scandal) पीने से हुई 20 से अधिक लोगों की मौत के बाद प्रदेश सरकार ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। राज्य के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मंगलवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में कहा कि जिला स्तर पर हर माह नेशनल नारकोटिक्स कोर्डिनेंस कमेटी की बैठकें आयोजित की जानी चाहिए तथा उनकी रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जाए।
इसके अलावा उपायुक्त तिमाही एवं एसडीएम हर माह जिलों में कार्यरत नशा मुक्ति केंद्रों की मॉनीटरिंग कर उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करें।
सीएम ने दिए बैठक बुलाने को लेकर निर्देश
मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) के निर्देश पर बुलाई गई बैठक में मुख्य सचिव ने छठी नेशनल नारकोटिक्स कोर्डिनेंस कमेटी की राज्यस्तरीय बैठक में गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य डॉ. जी अनुपमा, डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी आलोक मित्तल, एडीजीपी ओपी सिंह, आबकारी एवं कराधान आयुक्त अशोक मीणा और विशेष सचिव गृह महावीर कौशिक के साथ विस्तृत चर्चा की। बैठक में पुलिस विभाग के कई अधिकारी ऑनलाइन भी जुड़े।
मुख्य सचिव ने दिए ये निर्देश
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कई जिलों के उपायुक्त एवं एसडीएम की रिपोर्ट लंबित है, जिसे जल्दी अपलोड किया जाए। एनसीबी द्वारा नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। अब तक 3306 केस दर्ज कर 4452 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
40 क्विंटल अफीम पकड़ी जा चुकी है। नशीले पदार्थ बेचते हुए पाए जाने के मामलों में 15 दिन में एफएसल रिपोर्ट आ जानी चाहिए, ताकि केसों का निपटारा करने में दिक्कत पेश न आए।
लीगल व आईटी कंसल्टेंट नियुक्त करेगी सरकार
संजीव कौशल ने बैठक में बताया कि हरियाणा पुलिस एक्ट 2007 के तहत लीगल एवं आइटी कंसल्टेंट नियुक्त किए जाएंगे, ताकि मादक पदार्थों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम में तेजी लाई जा सके। उन्होंने जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं से युक्त बनाने, स्टाफ प्रशिक्षण के लिए एसओपी तैयार करने तथा इसे अन्य विभागों को भेजे जाने के निर्देश दिए।
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पुलिस ने इतने लोगों को नशा मुक्ति केंद्र में किया दाखिल
पुलिस द्वारा अब तक राज्य में नशे से पीड़ित 12572 व्यक्तियों में से 2293 को नशा मुक्ति केंद्रों में दाखिल कराया गया है। गांव स्तर पर होंगे साइक्लोथोन मुख्य सचिव ने कहा कि साइक्लोथोन अभियान के सार्थक परिणाम आए हैं। इसलिए साइक्लोथोन अभियान को हर गांव, खंड एवं जिला स्तर पर चलाया जाए और इस अभियान को पब्लिक का हिस्सा बनाकर इससे प्रत्येक व्यक्ति को जोड़ा जाए।
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प्रदेश के 15 जिलों में नशा मुक्ति हो रहे हैं संचालित
प्रदेश के 15 जिलों में नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। उनके लाइसेंस नवीनीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाए। अन्य जिलों में भी नशा मुक्ति केंद्र खोलने के बारे में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पुलिस, आबकारी एवं राजस्व विभाग के राजपत्रित अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत नशा मुक्ति केंद्रों की जांच कर कार्रवाई के लिए अधिकृत किया जाए। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले नशा मुक्ति केंद्रों की रेटिंग की जाएगी।
राज्य में चार फास्ट ट्रैक कोर्ट खुलेंगी
संजीव कौशल ने कहा कि राज्य में सभी मेडिकल स्टोर पर चिकित्सक के लिखे बिना नशे की दवाई देने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इसके लिए साथी एप्लीकेशन के माध्यम से पूर्ण मानीटरिंग की जाएगी। एनडीपीए के विवादों की सुनवाई के लिए सिरसा की तर्ज पर फतेहाबाद, अंबाला, हिसार, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र व पानीपत सहित सात फास्ट स्पेशल ट्रेक कोर्ट कार्य कर रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा रोहतक, गुरुग्राम, फरीदबाद व यमुनानगर में चार और फास्ट स्पेशल ट्रेक कोर्ट स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
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