10वीं पास युवा भी ले सकेंगे बीज, खाद और दवाई बेचने का लाइसेंस, 48 हफ्तों की ट्रेनिंग के बाद मिलेगा डिप्लोमा
हरियाणा में अब 10वीं पास युवा भी बीज खाद और दवाई का लाइसेंस ले सकेंगे। कृषि एवं कल्याण विभाग के उप निदेशक ने बकाया कि 10वीं पास युवाओं को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (डेसी) कराया जाएगा। इस डिप्लोमा के आधार पर भारत के किसी भी राज्य मे बीज खाद व दवाई बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
By Sanjeev kumarEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 11 Sep 2023 06:47 PM (IST)
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। Haryana News अब दसवीं पास युवा भी डिप्लोमा करने के बाद बीज, खाद व दवाई बेचने से संबंधित लाइसेंस ले सकेंगे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. प्रदीप मील ने बताया कि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) द्वारा दसवीं पास युवाओं को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (डेसी) कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 48 सप्ताह के इस प्रशिक्षण के बाद डिप्लोमा मिलेगा और इसको लेकर सप्ताह में एक दिन की क्लास लगेगी। इस डिप्लोमा के आधार पर भारत के किसी भी राज्य मे बीज, खाद व दवाई बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
केंद्र सरकार ने अनिवार्य किया डिप्लोमा
डॉ. प्रदीप मील ने बताया कि पहले बीज, खाद व दवाई बेचने के लाइसेंस की कोई शर्त नहीं थी। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा ये डिप्लोमा अनिवार्य कर दिया गया है। इस डिप्लोमा की फीस 20 हजार रुपये देनी होगी। डिप्लोमा के बगैर लाइसेंस नहीं बनेगा और न ही कोई नया या पुराना लाइसेंस रिन्यू होगा।ये भी पढ़ें- हरियाणा के 2 लाख किसानों को राहत, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि लौटाने का फैसला वापस
कोर्स से क्या फायदा होगा?
उन्होंने बताया कि इस कोर्स को करने के बाद विक्रेताओं को बीज, खाद व कीटनाशक दवाइयों की बेहतर जानकारी होगी और वो किसानों को सही जानकारी दे सकेंगे। इससे बाजार में नकली खाद-बीज की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। किसान दुकान से ही बीज, उर्वरक व कीटनाशक खरीदता है ऐसे में ये जरूरी है कि इस संबंध में उन्हें बुनियादी ज्ञान हो।
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