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बजट से उद्योगपतियों को उम्मीद, राहत पैकेज की हो घोषणा, मिलें मूलभूत सुविधाएं

मार्च माह में विधानसभा में पेश होने वाले बजट से उद्योगपतियों को बड़ी राहत की उम्मीद है। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना ने व्यापार को बड़ा झटका देने का काम किया है। बजट को लेकर व्यापारियों की राय जानने के लिए दैनिक जागरण की ओर से पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 27 Feb 2022 05:27 PM (IST)
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बजट से उद्योगपतियों को उम्मीद, राहत पैकेज की हो घोषणा, मिलें मूलभूत सुविधाएं

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मार्च माह में विधानसभा में पेश होने वाले बजट से उद्योगपतियों को बड़ी राहत की उम्मीद है। व्यापारियों का कहना है कि कोरोना ने व्यापार को बड़ा झटका देने का काम किया है। बजट को लेकर व्यापारियों की राय जानने के लिए दैनिक जागरण की ओर से पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। इसमें प्लाइवुड व्यापारियों ने भाग लिया। व्यापारियों की मुख्य मांग है कि कोरोना के कारण हुए घाटे से निपटने के लिए सरकार राहत पैकेज की घोषणा करे। उद्योग जगत को कोरोना के कारण बड़ा झटका लगा है। उद्योग व्यापार भारी मंदी के दौर से गुजर रहा है। व्यापारियों की स्थिति को समझते हुए बजट में विशेष राहत पैकेज की व्यवस्था की जाए। ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके। व्यापार पटरी पर आ सके। दूसरा, बिजली की दरों में रियायत दी जाए। क्योंकि व्यापारी अन्य कई तरह के टैक्स भी अदा कर रहे हैं। ऐसे में बिजली की भारी-भरकम दरें कमर तोड़ने का काम कर रही हैं।

अंकुर जैन, उद्योगपति। उद्योगपतियों के लिए व्यापार करना मुश्किल हो गया है। क्योंकि सभी तरह के टैक्स अदा करने के बावजूद उनको मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। जिसका सीधा-सीधी असर व्यापार पर पड़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में सीवरेज व सड़कों की व्यवस्था ठीक नहीं है। निकासी न होने के कारण कई-कई फीट पानी से गुजर कर व्यापारी अपनी फैक्ट्री तक पहुंच रहे हैं। यह स्थिति तब है जब इस बारे कई बार शिकायत कर चुके हैं।

राजेश कुमार, व्यापारी। लेबर, बिजली व मूलभूत सुविधाएं उद्योग व्यापार की पहली जरूरत होती हैं, लेकिन प्लाइवुड व्यापारियों को इन तीनों की कमी खल रही है। इन दिनों स्थिति ऐसी है कि फैक्ट्रियां चलाना मुश्किल हो गया है। खर्च व आमदन का तालमेल नहीं बन पा रहा है। सरकार नए-नए नियम व्यापारियों पर थोप देती है। व्यापारियों को मूलभूत सुविधाएं देने की दिशा में कदम उठाया जाए। बजट में इस पर विशेष रूप से फोकस हो।

हरदीप आनंद, उद्योगपति। उद्योग जगत के लिए बजट में जो भी घोषणा हो, उसको पूरी तरह इंप्लीमेंट किया जाए। कागजी बजट न हो। अकसर ऐसा देखा जाता है कि सरकार घोषणाएं तो बड़ी-बड़ी कर देती हैं, लेकिन धरातल पर इनका लाभ नहीं मिल पाता। यदि सरकार प्लाइवुड उद्योग को बचाना चाहती है तो सबसे पहले बिजली की दरों में रियायत दी जाए। फैक्ट्रियां चलाने के लिए सस्ती बिजली मुहैया करवाई जाए।

अरशु व मनीश गुप्ता, प्लाइवुड व्यापारी। बाडी माजरा क्षेत्र में करीब 50 प्लाइवुड फैक्ट्रियां हैं। करोड़ों रुपये राजस्व सरकार को दिया जा रहा है। बावजूद इसके मालिक को अपनी फैक्ट्री तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ रही है। एक भी रास्ता ठीक नहीं है। बिना बारिश के भी कई-कई फीट पानी जमा है। सड़कें टूटी पड़ी हैं। सरकार को चाहिए कि मूलभूत सुविधाओं के लिए बजट बढ़ाए। ताकि व्यापारियों को परेशानी न हो।

निरंजन शर्मा, उद्योगपति। व्यापार पर इंस्पेक्टरी राज पूरी तरह हावी है। कई महकमों की दखलअंदाजी बढ़ कई। सभी तरह के टैक्स अदा किए जाने के बावजूद व्यापारियों को परेशान किया जाता है। रिश्वतखोरी बढ़ रही है। बजट में सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि व्यापारी बिना मानसिक तनाव के व्यापार कर सकें। नया उद्योग लगाने के नियमों का सरलीकरण किया जाए।

विमल मलिक, उद्योगपति। प्लाइवुड उद्योग से यमुनानगर की पहचान है, लेकिन सरकार की नीतियों के कारण व्यापारी पलायन करने पर मजबूर हैं। तरह-तरह के नियम व्यापारियों पर थोप दिए जाते हैं। सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व अदा करने के बावजूद उनको सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। ऐसे में व्यापारी अपना कारोबार कैसे कर पाएंगे? बजट में सरकार व्यापारियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे।

राजेश वैष्णव व अमदनदीप।

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