कपालमोचन मेले की अनोखी परंपरा, श्रद्धालुओं ने खरीदे आठ करोड़ के बर्तन, धनतेरस से अधिक का हुआ कारोबार
कपालमोचन के सरोवरों में डुबकी लगाने के बाद जगाधरी से बर्तन खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मेले में हरियाणा पंजाब राजस्थान हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड उत्तरप्रदेश दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
By Avneesh kumar Edited By: Naveen DalalUpdated: Tue, 08 Nov 2022 09:36 PM (IST)
जगाधरी (यमुनानगर), संवाद सहयोगी। कपालमोचन के सरोवरों में आस्था की डूबकी लगाने के बाद जगाधरी बर्तन बाजार में खरीददारी के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी नजर आई। सोमवार- मंगलवार रात से शुरू हुआ खरीददारी का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। दीपावली के बाद हुई जमकर खरीददारी से बर्तन व्यापारियों के चेहरे खिले नजर आए।
मान्यता है गुरु गाेबिंद सिंह महाराज ने भी लंगर के लिए खरीदते थे यहां से बर्तन
एक अनुमान के मुताबिक कपालमोचन मेला क्षेत्र व जगाधरी बर्तन बाजार में आठ करोड़ रुपये के बर्तन बिके। जो धनतेरस पर हुई बर्तनों की खरीद से तीन करोड़ रुपये अधिक है। धनतेरस पर करीब पांच करोड़ रुपये का कारोबार बर्तन व्यापारियों ने किया था। जगाधरी मेटल इंडस्ट्री एसोसिएशन के महासचिव श्याम सुंदर बत्रा का कहना है कि कपालमोचन मेले के दौरान बर्तनों की काफी बिक्री होती है। व्यापारी व दुकानदार भी इसकी दीपावली के पर्व की तरह से तैयारी करते हैं।
सदियों से चली आ रही परंपरा
कपालमोचन के सरोवरों में डुबकी लगाने के बाद जगाधरी से बर्तन खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मेले में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जिनमें से अधिकांश ने जगाधरी बर्तन बाजार व कपालमोचन में सजी बर्तनों की दुकानों से काफी खरीददारी की। मान्यता है गुरु गाेबिंद सिंह महाराज जगाधरी से लंगर के लिए बर्तन खरीदते थे। जिसके बाद से ही यहां मेले में आने वाले लोग बर्तन खरीदते हैं।
भटिंड़ा के के गांव मलूका खुर्द से आई सिमरनजीत कौर व सुरजीत सिंह, टल्लवाली से आई सुखप्रीत कौर व इकबाल कौर व अमृतसर के गांव गादली निवासी निर्मल सिंह व अजायब सिंह के मुताबिक सदियों से मान्यता चली आ रही है कि जो श्रद्धालु सरोवरों में स्नान करने के बाद बर्तन बाजार से खरीददारी करते हैं। इससे घर-परिवार में बरकत होती है। पंजाब के अधिकांश धार्मिक स्थलों में प्रसादा तैयार करने में जो बर्तन इस्तेमाल किए जाते हैं। वह जगाधरी से ही खरीदते हैं।
शगुन के बर्तनों की खरीदारी की
मोगा के गांव सिरसारी की जसनप्रीत कौर व प्रकाश कौर, मलेरकोटला के गांव खानपुर की जगजीत कौर व मन्नेवाल से प्रीत कौर ने बताया कि उनकी बेटी की शादी में फिलहाल छह महीने बाकी है। बेटी को शगुन में बर्तन देने के लिए खरीददारी की है।
बर्तन व्यापारियों के खिले चेहरेबर्तन व्यापारी विपिन व पवन राणा ने बताया कि अच्छा कारोबार हुआ है। श्रद्धालुओं ने चम्मच से लेकर बड़े भिगोने व पतीलों तक खरीददारी की। इस बार आठ करोड़ के बर्तन बिकने का अनुमान है।
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