भगवान होकर भी धरती पर साधारण मनुष्य की तरह रहे श्रीराम : महेशाश्रम
राम कथा में छठे दिन वीरवार को महंत दंडी स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि भगवान राम पूर्णब्रह्म होते हुए भी साधारण मनुष्य की तरह आचरण करते रहे। परंतु जब धर्म रक्षा के लिए ईश्वर जब स्वरूप वर्णन करता है।
संवाद सहयोगी, रादौर : श्रीनागेश्वर धाम पक्का घाट मंदिर में चल रही राम कथा में छठे दिन वीरवार को महंत दंडी स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि भगवान राम पूर्णब्रह्म होते हुए भी साधारण मनुष्य की तरह आचरण करते रहे। परंतु जब धर्म रक्षा के लिए ईश्वर जब स्वरूप वर्णन करता है। तब वह मनुष्य को जीने की शिक्षा देते हुए स्वयं वैसा आचरण करता है। जैसे अपने पिता दशरथ के आज्ञा पाकर ऋषि विश्वामित्र के साथ यज्ञ के रक्षा के लिए जाते हुए मार्ग में ताड़का जैसे राक्षसी का वध कर यज्ञ की रक्षा करते हैं और अहिल्या जैसी नारी जो गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर हो गई थी अपने चरण रज द्वारा उद्धार करते हैं। सनातन ही मात्र एक धर्म है जिसका पालन कर मनुष्य ब्रह्म दर्शन कर सकता है एवं आवागमन से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ लोग मूर्खतापूर्ण प्रश्न करते हैं कि क्या परमात्मा को किसी ने देखा है, जबकि सत्य यह है कि अनंत होते हुए कण-कण में व्याप्त हैं। जैसे दूध में मक्खन और मक्खन में घी होते हुए भी देखने वाले को दूध ही दिखाई देता है। वनवास के समय मार्ग में मिले अपने मित्र निषादराज गुह को हृदय से लगाकर सम्मान प्रदान करते हैं। मौके पर आचार्य धनंजय स्वरूप ब्रह्मचारी, नरेश वर्मा, सोहाना, सुरेंद्र शर्मा खुर्दबन, पंडित ज्ञानप्रकाश शर्मा, पप्पू शर्मा, परमेश्वरी, सरला देवी, कौशल, मनोज रोहिल्ला मौजूद रहे।