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Yamunanagar News: 37 एकड़ में होगी मार्केटिंग बोर्ड की अपनी लक्कड़ मंडी, लीज का झंझट होगा खत्म; कारोबारियों को होगा फायदा

हरियाणा के यमुनानगर से आने वाले सफेदा व पापुलर की खरीद फरोख्त के लिए मार्केटिंग बोर्ड की अपनी मंडी होगी। 37 एकड़ में मार्केटिंग बोर्ड की मंडी के लिए गांव दुसानी में जमीन एक्वायर किए जाने का प्लान है। हालांकि 11 एकड़ में फिलहाल लीज पर चल रह है जहां 90 हजार रुपये प्रति एकड़ लीज राशि है। इस जिल में 626 आढ़ती है। इससे कारोबार में और बढ़त होगी।

By Sanjeev kumar Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 14 Feb 2024 12:19 PM (IST)
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37 एकड़ में होगी मार्केटिंग बोर्ड की अपनी लक्कड़ मंडी।

संजीव कांबोज, यमुनानगर। जिला व पड़ोसी राज्यों से आने वाले सफेदा व पापुलर की खरीद फरोख्त के लिए अब मार्केटिंग बोर्ड की अपनी मंडी होगी। गांव दुसानी में जमीन एक्वायर किए जाने की योजना है। जमीन खरीदने की प्रारंभिक प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मार्केटिंग बोर्ड यहां करीब 37 एकड़ जमीन खरीदेगा। मुख्य बात यह भी है कि मंडी के साथ-साथ यहां बोर्ड की अपनी दुकानें भी होंगी। जहां आढ़ती अपना कारोबार सुगमता से कर सकेंगे।

साथ ही सरकार को जाने वाला राजस्व बढ़ेगा। अब तक गांव मंडोली में लक्कड़ मंडी चल रही है। यह करीब 11 एकड़ में है। वर्ष-2016-17 में यहां मंडी शुरू हुई थी। मार्केटिंग बोर्ड की अपनी मंडी बनने के बाद आढ़तियों व विभाग को बड़ा फायदा होगा।

यह होगा फायदा

दरअसल, मौजूदा समय में मार्केटिंग बोर्ड द्वारा गांव मंडोली में लीज पर जमीन लेकर 11 एकड़ में लक्कड़ मंडी बनाई हुई है। प्रति एकड़ के हिसाब से 90 हजार रुपये लीज राशि है। मतलब सालाना करीब 10 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जाता है। अपनी जमीन होने के बाद यह राशि बचेगी। दूसरा, इन दिनों खुले में मंडी चल रही है। यहां बूथ के नाम पर खानापूर्ति है। करीब 400 बूथ हैं। हालांकि प्रति बूथ 1250 रुपये प्रतिमाह लिए जाते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी है। अपनी जमीन होने पर मार्केटिंग बोर्ड द्वारा पक्की दुकानें बनाए जाने की योजना है। मंडी आढ़तियों व किसानों को अन्य मूलभूत सुविधाएं भी मिल सकेंगी।

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सड़क पर भी चलता है कारोबार

सड़क पर लकड़ी की खरीद फरोख्त की शिकायतें भी अकसर आती हैं। मार्केट कमेटी के अधिकारी समय-समय पर चेकिंग भी करते हैं, लेकिन इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सड़कों पर लकड़ी की खरीद-फरोख्त से मार्केट कमेटी को फीस चपत लग रही है। यह एक प्रतिशत है। सड़क पर लकड़ी से लदी ट्रालियां खड़ी होने पर आवागमन भी बाधित होता है।

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यमुनानगर में 400 लाइसेंस

साल 1980 में जिले में प्लाईबोर्ड का कारोबार शुरू हुआ था। वर्तमान में बोर्ड की प्रेस, चीपर, पीलिंग व आरा मशीन के 1970 लाइसेंस हैं। जगाधरी व यमुनानगर में 625 लक्कड़ के आढ़ती हैं। इनमें से करीब 400 लाइसेंस यमुनानगर के हैं। ये आढ़ती मंडोली लक्कड़ मंडी में ही खरीद फरोख्त करते हैं। वन विभाग के मुताबिक, हर रोज डेढ़ लाख क्विंटल से ज्यादा कच्चे माल की खपत बोर्ड यूनिटों में है। जिले में तैयार बोर्ड का माल देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में सप्लाई होता है। दो लाख से ज्यादा लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं। सफेदा व पापुलर की बात की जाए तो यमुनानगर के विभिन्न जिलों सहित उत्तर प्रदेश, पंजाब व अन्य प्रदेशों से मंडी में पहुंचता है।

मार्केट कमेटी यमुनानगर के सचिव गौरव आर्य ने कहा कि गांव दुसानी में 37 एकड़ में पक्की लक्कड़ मंडी बनाए जाने की योजना है। जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फिलहाल किसानों से रेट लिए जा रहे हैं। यहां लक्कड़ मंडी बनने से आढ़तियों को भी फायदा होगा। हमारा प्रयास आढ़तियों को सुविधाएं मुहैया करवाना है। पक्की मंडी में सभी तरह की सुविधाएं होंगी।

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