24 सूत्रीय मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे सफाई कर्मचारी, दिन भर सरकार के खिलाफ गरजे; ठप्प पड़ी सफाई व्यवस्था
24 सूत्रीय मांगों को लेकर दूसरे दिन भी नगर निगम के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहे। नगर निगम के सामने दिन भर सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दमकल कर्मचारी भी उनके समर्थन में आ गए हैं। 650 कर्मचारी हड़ताल पर है। प्रशासन पर आरोप है कि 26 वर्षों में सफाई व सीवरेज कर्मचारियों की नियमित भर्ती नहीं की गई है।
By Popin kumarEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 15 Dec 2023 02:20 PM (IST)
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। Municipal corporation sanitation workers strike: 24 सूत्रीय मांगों को लेकर दूसरे दिन भी नगर निगम के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहे। नगर निगम के सामने दिन भर सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दमकल कर्मचारी भी उनके समर्थन में आ गए हैं।
650 कर्मचारी हैं हड़ताल पर
कर्मचारियों का नेतृत्व प्रधान विक्की परचा कर रहे हैं। मंच संचालन सचिव प्रिंस ने की। बता दें कि 650 कर्मचारी हड़ताल पर है। डोर टू डोर कूड़े उठान का काम नियमित होता रहा। सफाई का काम पूरी की बंद रहा।
26 साल से नहीं हुई भर्ती
जिला प्रधान विक्की परचा ने कहा कि सरकार कर्मचारियों पर छटनी का कानून को थोप रही है। 26 वर्षों में सफाई व सीवरेज कर्मचारियों की नियमित भर्ती नहीं की गई है। सफाई अभियान के नाम पर जनता के साथ धोखा किया जा रहा है। सफाई का रूटीन वर्क प्रभावित होने से गंदगी का आलम है। सफाई अभियान के बहाने सफाई कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है।हड़ताल के दौरान कोई भी कर्मचारी नहीं करेगा काम
सफाई अभियान चलाने से पहले सफाई उपकरण, सुरक्षा उपकरण, संसाधन एवं कर्मचारियों की संख्या पूरी कर, योजना बनाकर वर्ष में एक दो बार विशेष अवसर और त्योहारों पर या किसी बीमारी के फैलने की आशंका पर सफाई अभियान चलाया जाता है। सरकार बगैर संसाधनों, सफाई उपकरणों, सुरक्षा उपकरणों व कर्मचारी संख्या बल पूरा किए। पूरे वर्ष सफाई अभियान चलाती है। केवल नेता एवं अधिकारी फोटो खिंचवाकर जनता को सफाई के नाम पर गुमराह करते हैं। हड़ताल के दौरान कोई भी कर्मचारी काम नहीं करेगा।
ठेकदारी के नाम पर हो रही लूट
नगर पालिका कर्मचारी संघ के महासचिव मांगे राम तिगरा ने कहा कि सफाई का लगभग काम घर-घर से कूड़ा उठाने और कूड़े को ठोस कचरा निस्तारण प्लांट पर ले जाने का काम,सीवर का काम भी सरकार ने ठेकेदारों के हवाले कर दिया है। ठेकेदार सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में फेल है।राज्य में नगर पालिका और नगर निगम में सफाई अभियान और ठेकेदारी के नाम पर बड़ी लूट भ्रष्टाचार है। जनता की खून पसीने की कमाई को लूटा जा रहा है, और सफाई कर्मचारियों को ठेकेदारों का गुलाम बनाकर कम वेतन में जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
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