Rajan Murder Case: सिर में दो गोली मारकर हत्या करने के बाद जलाया था शव, पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा; अस्पताल में अलर्ट जारी
Rajan Murder Case राजन हत्याकांड में पोस्टमार्टम में नया खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम पांच घंटे तक चला। इससे पहले पोस्टमार्टम हाउस के बाहर स्वजन और बड़ी संख्या में युवक पहुंचे थे। भीड़ बढ़ती देख पुलिस अलर्ट हो गई और जवान तैनात कर दिए। पुलिस ने उनको समझाया कहा कि पोस्टमार्टम के लिए कुछ लोग रुक जाएं अन्य अपने घर जाएं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर/लाडवा (कुरुक्षेत्र)। लॉरेंस गैंग के गुर्गे राजन का मंगलवार सुबह 10:30 बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ। पोस्टमार्टम पांच घंटे तक चला। इससे पहले पोस्टमार्टम हाउस के बाहर स्वजन और बड़ी संख्या में युवक पहुंचे थे। भीड़ बढ़ती देख पुलिस अलर्ट हो गई और जवान तैनात कर दिए। पुलिस ने उनको समझाया कहा कि पोस्टमार्टम के लिए कुछ लोग रुक जाएं, अन्य अपने घर जाएं। लगभग एक घंटे बाद यह युवा अपनी कारों से चले गए।
लॉरेंस गैंग का बदमाश लिखने पर थी आपत्ति
युवाओं ने कहा कि राजन किसी गैंग का सदस्य नहीं था। वह आपत्ति जता रहे थे। वहीं परिवार के लोगों ने इस बारे में कोई भी बात करने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने भी उसके पिता महेंद्र से बात की तो यही बताया कि उन्हें किसी गैंग का नहीं पता। लगभग एक वर्ष से उससे कोई संपर्क नहीं हुआ था। बताया जा रहा है कि राजन पर पंचकूला में बदमाशों को संरक्षण देने का केस दर्ज है। जिसमें वह भगौड़ा चल रहा है। इस बारे में पुलिस की टीमें लगातार उसके घर पर पहुंचती थी। कई बार उसके स्वजन से भी पुलिस ने पूछताछ की थी।
ग्रामीणों को नहीं लगी राजन के गैंगस्टर होने की भनक
गैंगस्टर राजन के गांव मेहरा में मंगलवार सायं उसका अंतिम संस्कार हुआ। उसके लारेंस गैंग से सबंधों पर ग्रामीण आश्चर्यचकित हैं। उसके गैंग में होने की भनक ग्रामीणों को नहीं लगी। राजन के अंतिम संस्कार में कोई भी बाहरी युवक गांव में नहीं पहुंचा। केवल कुछ ग्रामीण ही अंतिम संस्कार में शामिल हुए।यह भी पढ़ें: लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर राजन की निर्मम हत्या, पहले गोली मारी फिर... हाथ-पैर बांधकर जलाया; बंबीहा गैंग ने ली जिम्मेदारी
कुरुक्षेत्र अपराध शाखा दो प्रभारी प्रतीक कुमार का कहना है कि राजन ने जिले में कोई वारदात नहीं की है और न ही उस पर किसी प्रकार का कोई केस जिले में दर्ज है। हालांकि पंचकुला व बहादुरगढ़ में उसके विरुद्ध केस दर्ज है। उसके लारेंस बिश्नोई गैंग के साथ संबंध थे, मगर अभी यह पता नहीं चल पाया कि गैंग में उसकी क्या अहमियत है।
भगोड़ा घोषित होने के बाद नहीं आया गांव में
लाडवा के गांव मेहरा निवासी राजन पिछले एक साल से गांव में नहीं आया था। इस दौरान स्वजनों ने उससे संपर्क भी करने का प्रयास किया था, मगर वह अपने परिवार से मिलने के लिए गांव में नहीं आया। ग्रामीणों की माने तो वह साधारण था। वह किसी गैंग से जुड़ा हुआ है, ऐसा कभी भी नहीं लगा। जिले में भी उसके विरुद्ध कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। स्वजनों को भी उसके बारे में कुछ अधिक जानकारी नहीं थी। करीब एक साल पहले गांव में पुलिस के आने के बाद उसके बारे में पता चला था उसके खिलाफ पंचकूला और झज्जर में मामला दर्ज है। जिसमें वह भगोड़ा है। भगोड़ा घोषित होने के बाद से ही वह अपने गांव में नहीं आ रहा था।
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