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यमुनानगर: पालतू कुत्ते की मौत से दुखी नाबालिग ने उठा लिया बड़ा कदम, परिवार को दे गई जिंदगी भर का गम

जब हम किसी पालतू जानवर को पालते है तो उससे लगाव हो जाता है। वहीं कुत्ते तो घर के सदस्य की तरह हो जाते हैं जिससे लोगों को काफी प्यार हो जाता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक कुत्ते की मौत से दुखी होकर एक किशोरी ने मौत को गले लगा लिया। किशोरी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

By Avneesh kumar Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 28 Apr 2024 05:46 PM (IST)
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पालतू कुत्ते की मौत से दुखी नाबालिग ने उठा लिया बड़ा कदम (सांकेतिक)
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। पालतू कुत्ते से लगाव इतना हुआ कि वो जान से भी प्यारा हो गया। मामला यमुनानगर के आदर्श नगर कैंप का है। यहां पालतू कुत्ते की मौत से दुखी 12 वर्षीय किशोरी ने आत्महत्या कर ली। उसकी मौत से परिवार गमजदा है। बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं कि वह उन्हें बता देती तो वह दूसरा कुत्ता घर ले आते। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा दिया है। मृतका के माता-पिता दोनों मजदूरी करते हैं।

आदर्श नगर कैंप निवासी आसमीन के पास तीन बेटियां व एक बेटा है। बीच वाली बेटी 12 वर्षीय किशोरी कक्षा छह में पढ़ रही थी। कुछ दिन पहले घर पर एक कुत्ता लेकर आए थे। इस कुत्ते से किशोरी को इतना लगाव हुआ कि वह स्कूल से आते ही उसके साथ लिपट जाती। यहां तक कि वह कुत्ते को अपने पास ही सुलाती थी। उसके खाने से लेकर नहाना और घूमाने का काम वही करती थी।

पांच दिन पहले बिगड़ गई कुत्ते की तबीयत

पांच दिन पहले कुत्ते की तबीयत अचानक से खराब हुई। वह कुछ खा नहीं पा रहा था। कुत्ता मर गया। परिवार के लोग उसे दफना आए। जिस समय मृत कुत्ते के शव को लेकर जा रहे थे। तब भी किशोरी साथ गई थी। आसमीन ने बताया कि उनकी बेटी कुत्ते की मौत के बाद पूरा दिन रोती रही। उसने खाना तक नहीं खाया। उसे काफी समझाया गया लेकिन वह उदास रहने लगी। स्कूल में जाती तो वहां से आकर घर पर ही गुमशुम रहती।

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शनिवार की शाम को कर ली थी आत्महत्या

शनिवार की शाम को किशोरी के भाई व बहन गली में खेल रहे थे। वह घर पर अकेली थी। उसकी मां भी बाहर गई हुई थी। जब वह वापस लौटे तो कमरे में फंदे से लटका पाया। उसकी आत्महत्या करने के बाद आसपास के लोग एकत्र हो गए। शव को दफनाने के लिए जा रहे थे। तभी पुलिस को पता लगा।

गांधीनगर थाना प्रभारी महरूफ अली ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। बच्ची अपने पालतू कुत्ते की मौत की वजह से सदमे में थी, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली।

माता-पिता की बढ़ जाती है जिम्मेदारी

मुकंद लाल नागरिक अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. नवीन शर्मा का कहना है कि यदि कोई भी बच्चा अचानक से गुमशुम रहने लगे। स्कूल जाने से कतराने लगे या फिर खाना न खाए। यह डिप्रेशन की निशानी है। ऐसे में माता पिता को विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चे से बात करनी चाहिए। इस केस में पहले ही पता लग गया था कि बच्चा डिप्रेशन में है तो उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। उससे बात कर खुश रखने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही चिकित्सक से उसकी काउंसलिंग करानी चाहिए थी।

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