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Haryana News: यमुनानगर में यूरिया की तस्करी का भंडाफोड़, गोदाम से बरामद हुए 876 बैग

यमुनानगर जिले में कृषि योग्य यूरिया की तस्करी का भंडाफोड़ हुआ है। सिंह फर्टिलाइजर कंपनी के गोदाम से 876 बैग कृषि योग्य यूरिया 1100 खाली बैग तकनीकी ग्रेड यूरिया और 500 खाली बैग स्पेशल श्याम नमक बरामद हुए हैं। जांच में पता चला है कि नमक के बैगों में भरकर कृषि योग्य यूरिया की सप्लाई प्लाईवुड फैक्ट्रियों में की जा रही थी।

By Avneesh kumar Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Fri, 30 Aug 2024 05:31 PM (IST)
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नमक के बैगों में भरकर यूरिया की तस्करी
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। जिले में कृषि योग्य यूरिया की तस्करी नहीं थम रही है। अब गांव दुसानी में मैसर्स सिंह फर्टिलाइजर कंपनी के गोदाम से 876 कृषि योग्य यूरिया के बैग मिले हैं। इसके साथ ही गोदाम से 1100 खाली बैग तकनीकी ग्रेड यूरिया के मिले। 500 खाली बैग स्पेशल श्याम नमक के बरामद हुए।

जांच में सामने आया कि नमक के बैगों में भरकर कृषि योग्य यूरिया की सप्लाई प्लाईवुड फैक्ट्रियों में की जा रही है। यूरिया को तकनीकी ग्रेड के बैग में भी भरकर अवैध रूप से बेचा जा रहा है। नियमानुसार कृषि योग्य यूरिया व तकनीकी ग्रेड यूरिया के बैग एक साथ नहीं रखे जा सकते। कृषि विभाग के एसडीओ अजय कुमार की शिकायत पर सिंह फर्टिलाइजर के संचालक के विरुद्ध सदर यमुनानगर थाना में केस दर्ज कराया गया है।

कृषि विभाग की टीम को सूचना मिली कि गांव दुसानी में सिंह फर्टिलाइजर के गोदाम में कृषि योग्य यूरिया को तकनीकी ग्रेड यूरिया व नमक के कट्टों की आड़ में बेचा जा रहा है। सरकार की ओर से जा रही सब्सिडी हड़पी जा रही है।

इस सूचना पर एसडीओ अजय कुमार, विषय विशेषज्ञ हरीश पांडे और सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी सतीश कुमार ने निरीक्षण किया। जांच के दौरान गोदाम में जीएनएफसी मार्का के तकनीकी ग्रेड यूरिया के खाली 1100 बैग बरामद हुए। नियमानुसार तकनीकी ग्रेड यूरिया व कृषि योग्य यूरिया को एक साथ नहीं रखा सकता, क्योंकि कृषि योग्य यूरिया का बैग 264 रुपये का है।

जबकि तकनीकी ग्रेड यूरिया का बैग 2400 रुपये का है। ऐसे में खाद विक्रेता अवैध रूप से तकनीकी ग्रेड यूरिया के बैग में कृषि योग्य यूरिया भरकर प्लाईवुड फैक्ट्रियों में सप्लाई कर रहे हैं ताकि वह पकड़ में न आ सके।

नमक के बैग में भर बेचा जा रहा कृषि योग्य यूरिया

सिंह फर्टिलाइजर के बैग से जो कृषि योग्य यूरिया के 876 बैग मिले हैं। वह आरसीएफ कंपनी का है। इस कंपनी का खाद फर्म के खाद के बिक्री लाइसेंस में भी दर्ज नहीं है। गोदाम से ही 500 खाली बैग श्याम स्पेशल नमक के मिले हैं।

जांच में यह भी सामने आया कि इन नमक के बैगों में भरकर भी कृषि योग्य यूरिया की सप्लाई की जाती है। जिससे किसी की पकड़ में न आ सके। इसके साथ ही गोदाम से 270 खाली बैग विभिन्न कंपनियों के कृषि योग्य यूरिया के मिले हैं। जिससे साफ है कि यूरिया की कालाबाजारी हो रही थी।

रिकॉर्ड नहीं दिखा सका गोदाम मालिक

जब टीम ने छापेमारी की तो वहां पर गोदाम का मालिक वीरेंद्र सिंह मिला। जिससे खाद से संबंधित रिकार्ड व बिल मांगा गया तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका। उसने जांच टीम का कोई सहयोग भी नहीं किया। वहीं फर्म का प्राेपराइटर मोनू चौहान मौके पर नहीं मिला। न ही वह रिकार्ड लेकर पेश हुआ। टीम ने यहां से सात नमूने भी लिए हैं। जिन्हें जांच के लिए भिजवाया गया है।

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