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Yamunanagar News: चीन में निमोनिया को लेकर अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, ग्राउंड रिपोर्टिंग में दिखीं अस्पताल में कई खामियां

चीन में निमोनिया के मरीज बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। वहीं स्टाफ की कमी प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। निमोनिया इंफ्लुएंजा व सॉर्स कोविड के संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों के लिए सैंपल जाएंगे। साथ ही 80 मेडिकल ऑफिसर 17 नर्सिंग सिस्टर के पद खाली पड़े हुए हैं। कोरोना में निकाले गए 55 कर्मियों को अभी तक तैनाती नहीं मिली है।

By Avneesh kumar Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Mon, 27 Nov 2023 05:35 PM (IST)
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चीन में निमोनिया को लेकर अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। बच्चों में निमोनिया, इंफ्लुएंजा और सॉर्स कोविड के लक्षणों को गंभीरता से लिया जाएगा। इस बारे में सरकार की ओर से अस्पतालों में एडवाइजरी जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने भी इसके लिए तैयारी कर ली है ऐसे संदिग्ध लक्षणों वाले बच्चों और बड़े मरीजों की सैंपलिंग होगी। यह लक्षण कोविड की तरह ही है इसलिए स्वास्थ्य विभाग इंतजामों की समीक्षा कर रहा है।

हालांकि, कोविड काल में विभाग के पास स्टाफ की कमी थी जो अब भी बनी हुई है। विभाग के पास 80 मेडिकल ऑफिसर, 17 नर्सिंग सिस्टर, 99 स्टाफ नर्स के पद खाली हैं। वहीं कोविड में ड्यूटी दे रहे 55 कर्मियों को दोबारा से रखने की सरकार ने घोषणा की है लेकिन अभी तक उनकी ज्वाइनिंग नहीं हुई है।

ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग में होना रेनोवेशन का कार्य

चीन में बच्चों में निमोनिया तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते ही यह कदम उठाया गया है। इस बार स्वास्थ्य विभाग के पास इंतजाम के नाम पर 200 बेड का अस्पताल है। पहले जहां कोविड में ईएसआई अस्पताल में व्यवस्था की गई थी। इस बार विभाग के पास पर्याप्त जगह है। 200 बेड के अस्पताल में जगह बहुत है लेकिन यहां पर स्टाफ कमी चुनौती बनेगी, क्योंकि विभाग के पास पहले ही स्टाफ कम है। फिलहाल ट्रामा सेंटर भी 200 बेड के अस्पताल में चल रहा है, क्योंकि ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग में रेनोवेशन का कार्य होना है।

बाल रोग की सभी दवाइयां उपलब्ध

वहीं, अस्पताल में ही जिला आणविक प्रयोगशाला स्थापित है। यह कोविड के समय में तैयार की गई थी। इससे सैंपलों की रिपोर्ट यही से मिल सकेगी। बाल रोग के लिए आईसीयू में 15 बेड हैं। दो वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई है। वहीं बाल रोग के जनरल वार्ड में 40 बेड की सुविधा है। सात निजी रूम भी उपलब्ध हैं। पीएमओ डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि बाल रोग से संबंधित सभी दवाइयां उपलब्ध हैं। हर बीमारी की अलग-अलग दवाइयां होती है।

चार ऑक्सीजन प्लांट

स्वास्थ्य विभाग के पास पीएम केयर फंड से मिले दो व उद्योगपति के सहयोग से लगाए गए दो ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं। आपातकालीन स्थिति में इनका प्रयोग किया जा सकता है। वहीं, 59 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पीएम केयर फंड से मिले हुए हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर 10 लीटर वाले 415 और 47 लीटर वाले 590 हैं। इसके अलावा नागरिक अस्पताल में एलएमओ (लिक्विड मेडिकल आक्सीजन) प्लांट लगा हुआ है। जिससे पूरे अस्पताल में आक्सीजन की सप्लाई की जाती है।

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अस्पताल की कमी नहीं हो रही दूर

कोविड के दौरान भी विभाग के पास स्टाफ की कमी बनी थी। ऐसे में यदि हालात बिगड़े तो स्टाफ की कमी को दूर करना चुनौती होगी। वजह यह है कि 200 बेड के अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ नहीं है। यहां पर सबसे जरूरी फिजिशियन का पद खाली पड़ा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी पद खाली पड़े हैं। हालात यहां तक हैं कि मोहडी पीएचसी का लोकार्पण कर दिया गया लेकिन स्टाफ न होने की वजह से वह खाली पड़ी है। नागरिक अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के पद से दो डॉक्टर रिजाइन दे चुकी है। उनके स्थान पर एक नई डॉक्टर ने ज्वाइन किया है, फिलहाल दो बाल रोग विशेषज्ञ हैं।

संदिग्ध मरीजों के सैंपल भिजवाए चंडीगढ़

जिला निगरानी अधिकारी डॉ. वागीश गुटैन ने बताया कि सरकार की ओर से एडवाइजरी मिली है। अभी कोई घबराने की बात नहीं है लेकिन अपनी तरफ से सभी इंतजामों की समीक्षा की जा रही है। जो भी संदिग्ध मरीज आएगा। उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाया जाएगा। इस सीजन में स्वाइन फ्लू का भी खतरा रहता है। उसके भी लक्षण निमोनिया व इंफ्लुएंजा की तरह ही है। ऐसे में संदिग्ध मरीजों के सैंपल चंडीगढ़ जांच के लिए भी भिजवाए जाएंगे। दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था है।

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