Yamunanagar: जमाव बिंदु से पांच डिग्री दूर पारा, धुंध में सतर्क रहें वाहन चालक, हादसे की 1073 पर दें सूचना
कड़ाके की ठंड व कोहरे का दौर जारी है। शुक्रवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा। न्यूनतम तापमान न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक आगामी दिनों में बादल छाए रहने व न्यूनतम तापमान में आंशिक बढ़ोतरी की उम्मीद है।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sat, 07 Jan 2023 12:26 PM (IST)
यमुनानगर, जागरण संवाददाता : कड़ाके की ठंड व कोहरे का दौर जारी है। शुक्रवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा। न्यूनतम तापमान न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक आगामी दिनों में बादल छाए रहने व न्यूनतम तापमान में आंशिक बढ़ोतरी की उम्मीद है। उधर, ठंड का असर दूध उत्पादन पर देखा जा रहा है। 25-20 प्रतिशत उत्पादन कम है। ऐसे में पशु चिकित्सक विशेष रूप से देखभाल की सलाह दे रहे हैं।
उनके मुताबिक पशुओं की खुराक व बेहतर तरीके से रख-रखाव पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। पशु पालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में करीब 50 हजार दुधारू पशु हैं। इन दिनों न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है। डेयरी संचालक सुभाष व संजय के मुताबिक ऐसे पशुओं की संख्या कम नहीं है जिनका दूध घटकर आधा रह गया है। पशु ठंड नहीं झेल पा रहे हैं। पशुओं के बच्चों को बचा पाना मुश्किल हो रहा है।
ये बरतें एहतियात
पशु पालन विभाग के उप मंडल अधिकारी डा. सतबीर सिंह का कहना है कि ठंड में 15-20 प्रतिशत दूध उत्पादन कम हो जाता है। इन दिनों ठंड ज्यादा है। इसलिए पशु पालकों को विशेष रूप से एहतियात बरतना जरूरी है। सबसे जरूरी है कि पशुओं को ऐसे स्थान पर बांधे जहां हवा न लगे। कमरा बंद रखें। पशुओं के नीचे सूखा रखें। गुनगुना पानी ही पिलाएं। उनको गुड़ खिलाएं। बांड-बिनोला भी गर्म करके ही खिलाएं। पशु के बच्चों के लिए बांधने की अलग से व्यवस्था करें।वाहन धीरे चलाएं - डीसी
डीसी राहुल हुड्डा ने कहा कि सर्दी के मौसम में कोहरे एवं धुंध को ध्यान में रखते हुए अपने वाहनों को धीरे-धीरे नियमानुसार चलाएं । वाहनों पर रिफलेक्टर टेप अवश्य लगवाएं। टेल लाइट व डिपर जलाकर रखें। वाहनों की निर्धारित गति सीमा के अनुसार ही चलाएं। इसके साथ ही उन्होंने अपील की है कि किसी भी सडक़ एवं वाहन दुर्घटना होने की सूचना टोल फ्री नंबर 1073 पर दें। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष अनुमानित पांच लाख सडक़ दुर्घटनाएं होती है, जिनमें से लगभग दो लाख सडक़ दुर्घटनाएं तेज रफ्तार के कारण होती है। करीब एक लाख 40 हजार लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। निर्धारित गति सीमा से अधिक गति से वाहन चलाना दंडनीय अपराध है।
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