पोटेशियम की पॉवर
हाई ब्लडप्रेशर के कारण स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। पोटेशियम को खान-पान द्वारा लेने से हाई ब्लडप्रेशर की दवा की डोज भी कम हो सकती है।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Wed, 04 May 2016 12:56 PM (IST)
कई पोटेशियम गुणों का भंडार है। क्या आपको पता है कि मिनरल पोटेशियम हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक है। यही नहीं, पोटेशियम हाई ब्लडप्रेशर से बचाव भी करता है। इस तथ्य से सभी वाकिफ हैं कि अत्यधिक सोडियम की मात्रा से हाई ब्लडप्रेशर की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन दुर्भाग्यवश लोगों को यह बात कम मालूम है कि पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ लेना हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार है।
स्ट्रोक का खतरा कम करेगौरतलब है कि हाई ब्लडप्रेशर के कारण स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। पोटेशियम को खान-पान द्वारा लेने से हाई ब्लडप्रेशर की दवा की डोज भी कम हो सकती है। सन् 2014 में लोगों पर पोटेशियम से संबधित दुनियाभर में कई अध्ययन हुए थे। ये सभी अध्ययन पोटेशियम लेने की मात्रा और स्ट्रोक होने की आशंका की
रोकथाम से संबधित थे। इन अध्ययनों के अनुसार औसतन प्रतिदिन 1.5 ग्राम पोटेशियम लेने से मस्तिष्क आघात (स्ट्रोक) के मामलों में 20 फीसदी की कमी दर्ज की गयी। वल्र्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार प्रतिवर्ष 55 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत स्ट्रोक के कारण मृत्यु होती है। पोटेशियम की थोड़ी सी मात्रा बढ़ाकर 10 लाख लोगों की मौतों को रोका जा सकता है।
कितनी मात्रा जरूरी खानपान में प्रतिदिन पोटेशियम की 4.7 ग्राम मात्रा निर्धारित की गयी है। 50% पोटेशियम को विभिन्न खाद्य पदार्र्थों से प्राप्त किया जा सकता है। पर्याप्त पोटैशियम की मात्रा से युक्त खाद्य पदार्र्थों में छिलका युक्त एकछोटे आलू में 738 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। वहीं, लगभग 220 सादा दही में 550 मिलीग्राम पोटेशियम पायाजाता है।इसी तरह ताजे संतरे के रस में (100 मिली. में 500 मिलीग्राम), मध्यम आकार वाले एक केला में(425मिलीग्राम), एक कप उबली हुई पालक में 400 मिलीग्राम) पोटोशियम पाया जाता है।एक बात का ध्यान रखें कि हाईब्लडप्रेशर या हाइपरटेंशन को कम करने वाली दवाएं शरीर में पोटेशियम की मात्रा कम करती हैं। इन दवाओं को लेने वाले लोगों को आहार में पोटेशियम की मात्रा के संदर्भ में फिजीशियन से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। प्रस्तुति: विवेक शुक्ला