हिमाचल में मस्जिदों पर बवाल! पहले शिमला फिर मंडी और अब बिलासपुर में अवैध निर्माण पर विवाद शुरू
हिमाचल प्रदेश (Himachal Masjid Vivad) में मस्जिदों के अवैध निर्माण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले राजधानी शिमला फिर मंडी और अब उसके बाद बिलासपुर जिले के घुमारवीं में भी एक मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला सामने आया है। हिंदू जागरण मंच और संवेदना संस्था ने मस्जिद में चल रहे निर्माण कार्य पर सवाल उठाए हैं।
संवाद सहयोगी, जागरण। Himachal Masjid Vivad: शिमला के संजौली व मंडी शहर में मस्जिद के अवैध निर्माण के बाद प्रदेश के बाद बिलासपुर जिले के घुमारवीं में भी मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला उछला है। हिंदू जागरण मंच व संवेदना संस्था ने मस्जिद में चल रहे निर्माण कार्य को लेकर प्रश्न उठाए हैं।
हिंदू जागरण मंच व संवेदना संस्था के प्रवक्ता विशाल नड्डा ने कहा कि घुमारवीं नगर परिषद के वार्ड-1 बड्डू में 36 साल पुरानी मस्जिद का दूसरी मंजिल का कार्य चल रहा है, लेकिन इसके लिए नगर परिषद से नक्शा ही पास नहीं करवाया है। नगर परिषद के पास मस्जिद (Himachal Masjid Issue) के संबंध में कोई रिकॉर्ड भी नहीं है। यहां मस्जिद को दूसरी मंजिल के निर्माण के लिए कोई अनुमति भी नहीं ली गई है।
1988 में बनी थी मस्जिद
विशाल नड्डा ने बताया कि 1988 में बनकर तैयार हुई मस्जिद सात बिस्वा जमीन पर है। मस्जिद के लिए दो विस्वा जमीन ताज मोहम्मद ने दान दी है। मस्जिद के निचले हिस्से में तीन बड़े कमरे स्टोर के रूप में उपयोग किए जाते हैं। वहीं, धरातल पर बड़ा हाल है, जहां नमाज अदा की जाती है। अब दूसरी मंजिल का कार्य प्रगति पर है।यह भी पढ़ें- Mandi Mosque Case: शिमला के बाद मंडी में मस्जिद विवाद, प्रदर्शनकारियों ने जुमे के दिन जेल रोड पर किया हनुमान चालीसा का पाठ
मस्जिद में मौलवी मोहम्मद आयुब 27 साल से यहां काम कर रहा है, जो सहारनपुर से संबंध रखता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप करे और यहां अवैध निर्माण कार्य को रोका जाए या सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद निर्माण की अनुमति दी जाए। चेताया कि अगर इसी तरह अवैध निर्माण जारी रहा तो संजौली व मंडी की तरह आंदोलन किया जाएगा।
मस्जिद में मौलवी मोहम्मद आयुब 27 साल से यहां काम कर रहा है, जो सहारनपुर से संबंध रखता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप करे और यहां अवैध निर्माण कार्य को रोका जाए या सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद निर्माण की अनुमति दी जाए। चेताया कि अगर इसी तरह अवैध निर्माण जारी रहा तो संजौली व मंडी की तरह आंदोलन किया जाएगा।
न नक्शा पास और न ही एनओसी दी है: रीता सहगल
वहीं, इस मामले को लेकर नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल ने कहा कि मस्जिद का हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। न नक्शा पास है न ही नगर परिषद ने एनओसी दी है। नगर परिषद क्षेत्र में जितने भी धार्मिक स्थान हैं, उनका कोई रिकॉर्ड नहीं है और न ही कोई स्वीकृति पत्र दिया गया है।
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