Himachal News: आठ मिनट में 200 बिस्तर का अस्पताल तैयार, एम्स बिलासपुर ने किया चौंकाने वाला दावा
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर ने दावा किया है कि अस्पताल आरोग्य मैत्री द्वारा किसी भी आपदा में राहत पहुंचाने के लिए महज आठ मिनट में 200 बिस्तर का अस्पताल तैयार किया जा सकेगा। एम्स ने दावा किया कि अगर बरसात या कोई अन्य आपदा आती है और आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य की उचित सुविधा नहीं है तो ऐसी स्थिति में यह अस्पताल तैयार किया जा सकेगा।
मुनीष गारिया, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में आपदा की स्थिति में घटनास्थल पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकेंगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर ने दावा किया है कि अस्पताल आरोग्य मैत्री के तहत आपदाग्रस्त क्षेत्र में राहत पहुंचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर मात्र आठ मिनट में 200 बिस्तर का अस्पताल तैयार किया जा सकेगा।
इसका प्रारूप एम्स प्रशासन की ओर से तैयार कर लिया गया है। प्रोजेक्ट भीष्म के तहत पहला आपदा अस्पताल एम्स में तैयार किया गया है।
अगर बरसात या कोई अन्य आपदा आती है और आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य की उचित सुविधा नहीं है तो ऐसी स्थिति में यह अस्पताल तैयार किया जाएगा।
अस्पताल का ढांचा 720 किलोग्राम का है
एम्स बिलासपुर में तैयार अस्पताल पूर्ण रूप से स्वदेशी है। अस्पताल का ढांचा करीब 720 किलोग्राम का है। इस सारे सामान के लिए 36 बॉक्स बनाए गए हैं और इन्हीं बॉक्स में सारा सामान आ जाता है। आपदा वाले क्षेत्र में हेलीकाप्टर के माध्यम से सुरक्षित स्थान पर इन बाक्स को ले जाया जा सकेगा।
हेलीकॉप्टर से नीचे फेंकने पर बॉक्स नहीं टूटेंगे और न ही पानी का असर होगा। इन बॉक्स को जमीन पर खोल कर आठ मिनट में टेंटनुमा अस्पताल तैयार हो जाएगा, जिसमें एक साथ 200 लोगों का इलाज किया जा सकेगा।
यह एक ऐसा आपदा अस्पताल है, जिसमें ऑपरेशन थियेटर से लेकर एक्सरे और रक्त नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला और वेंटिलेटर तक शामिल हैं।
अस्पताल आरोग्य मैत्री के तहत किसी भी बड़ी आपदा के समय घटनास्थल पर ही अस्पताल को खड़ा कर लोगों को बचाया जा सकता है।
प्रोजेक्ट भीष्म के अंतर्गत प्रदेश में आपदा के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने के लिए एम्स बिलासपुर की ओर से मात्र आठ मिनट में यह अस्पताल तैयार कर लिया जाएगा और मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। इस व्यवस्था के बारे में जिला प्रशासन को बताया गया है।
-डॉ. दिनेश, चिकित्सा अधीक्षक, एम्स बिलासपुर।
इस तरह के प्रोजेक्ट के मिलने से बिलासपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। एम्स अस्पताल ने आपदा से निपटने के लिए अलग से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार किया है, जो आपदा के दौरान लोगों को समय पर इलाज के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
-आबिद हुसैन सादिक, उपायुक्त बिलासपुर।
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