Himachal News: बिलासपुर नगर परिषद के चुनाव में कांग्रेस को झटका, भाजपा के कमल गौतम निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष
बिलासपुर नगर परिषद (Bilaspur Municipal Council) के चुनाव में भाजपा के पार्षद कमल गौतम को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया है। कांग्रेस की ओर से इस चुनाव में कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया था। यहां तक की चुनावी प्रक्रिया में भी कांग्रेस पार्षदों ने भाग नहीं लिया। कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव को अलोकतांत्रिक बताते हुए रद्द करने की मांग की है।
मुनीष गारिया, बिलासपुर। पहले लोकसभा चुनाव फिर आपसी खींचतान के बाद नगर परिषद बिलासपुर को नया अध्यक्ष मिल गया है। नगर परिषद की शीर्ष कुर्सी पर भाजपा काबिज हो गई है।
शनिवार को एसडीएम बिलासपुर अभिषेक गर्ग की अध्यक्षता में हुई चुनावी प्रक्रिया में भाजपा के कमल गौतम निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं। बड़ी बात तो यह है कि अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की ओर से कोई दावेदारी ही नहीं जताई गई।
कांग्रेस की ओर से नहीं था कोई उम्मीदवार
बिलासपुर नगर परिषद के चुनाव में कांग्रेस की ओर से अपना उम्मीदवार देने की बात की जा रही थी और इसके अलावा बैठकों को दौर भी कई दिनों से जारी था, लेकिन कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद के लिए कोई सामने ही नहीं आया। यहां तक की चुनावी प्रक्रिया में भी कांग्रेस पार्षदों ने भाग नहीं लिया।एक बार फिर से नगर परिषद में भाजपा का अध्यक्ष ही बना है। अध्यक्ष के चुनाव के लिए बुधवार को भी बैठक बुलाई गई थी लेकिन उस बैठक में भाजपा पार्षद शामिल नहीं हुए थे और कोरम पूरा न होने के चलते शनिवार को बैठक तय की गई थी। इस बैठक में कोरम पूरा होने की कोई शर्त नहीं थी।
शुक्रवार शाम को पार्षदों ने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके कमल गौतम के नाम पर हामी भर दी थी। हालांकि दौड़ में दो अन्य चेहरे भी थे लेकिन पार्टी हाईकमान के फैसले पर सभी ने सहमति जता दी।
कमल गौतम निर्विरोध बने अध्यक्ष
सुबह 11 बजे भाजपा के सभी पार्षद और स्थानीय विधायक त्रिलोक जम्वाल चुनाव के लिए पहुंच गए थे। उसके साथ श्री नयना देवी विधायक रणधीर शर्मा भी थे। कुछ समय के बाद कुछ कांग्रेस समर्थित पार्षद भी परिसर में पहुंचे। वहां कुछ देर टहलने के बाद सभी लोग वापस चले गए।
अध्यक्ष के चुनाव का नामांकन करने के लिए 11 से 12 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था लेकिन कांग्रेस की ओर से नामांकन नहीं किया गया। अध्यक्ष पद के लिए एक ही प्रत्याशी होने के चलते एसडीएम ने कमल गौतम को निर्विरोध विजय घोषित कर दिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।जिला परिषद और नगर परिषद में काबिज होने से भी फेल हुई कांग्रेस
प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने के बाद बिलासपुर में कांग्रेस ने पहले ग्रामीण निकाय और फिर शहरी निकाय में सत्तासीन होने का प्रयास किया लेकिन दोनों की प्रयासों में सफल नहीं हो पाई है। इससे पिछले साल अक्टूबर माह में जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने दोनों की पदों पर काबिज होने का प्रयास किया लेकिन उस समय भी भाजपा के अध्यक्ष बने। अब नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर अपना पार्षद बिठाने का प्रयास भी सफल नहीं हो पाया है। नगर परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव की बात करें तो यहां स्थानीय विधायक को मिलाकर भाजपा के पास और कांग्रेस के पास पांच सात वोट थे।कांग्रेस की ओर से दो पार्षदों को अपने पाले में लाने के प्रयास तो किए लेकिन बात नहीं बन पाई। बड़ी बात तो यह है कि कांग्रेस अपना प्रत्याशी ही निर्धारित नहीं कर पाई। बताया जा रहा है कि पार्टी की ओर से जिस प्रत्याशी को उतारने की बात की जा रही थी, उसको लेकर अन्य पार्षद सहमति नहीं थे। यह भी पढ़ें- Himachal Crime News: शिमला में दरिंदगी... नाबालिग लड़की से दुष्कर्म, आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट के तहत के दर्जकांग्रेस समर्थित पार्षदों ने चुनाव रद्द करने की मांग की
कांग्रेस समर्थित पार्षदों कमलेंद्र कश्यप, नवीन वर्मा, मनोज पिल्लई, ज्योति व अजय कुमार ने कहा कि हमनें चुनावी बैठक का बहिष्कार किया। इससे पूर्व बैठक का भाजपा पार्षदों ने बहिष्कार किया था। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद का चुनाव अलोकतांत्रिक तरीके से हुआ है। भाजपा पूरे प्रदेश में धन बल का प्रयोग कर संविधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए इनके नेता हर तरह का हथकंड़े अपना रहे हैं। इस चुनाव में कार्यकारी अधिकारी की भूमिका भी निष्पक्ष नहीं रही, क्योंकि उनको पार्षदों के द्वारा पूर्व में दिए गए प्रस्ताव पर कार्यवाही करके इस चुनाव को रद किया जाना जरूरी था।यह भी पढ़ें- Himachal News: 'पहले संस्थान अब सुविधाओं पर तालाबाजी कर रही है सरकार', जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू पर कसा तंज