Bilaspur News: उद्घाटन के पांच महीने बाद भी एम्स बिलासपुर का निर्माण अधूरा
Bilaspur News अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के उद्घाटन के पांच महीने बाद भी निर्माण कार्य अधूरा ही नजर आ रहा है। निर्माण कंपनी ने काम को अधूरा छोड़कर ही पैकअप का काम शुरू कर दिया है
बिलासपुर, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के उद्घाटन के पांच महीने बाद भी निर्माण कार्य अधूरा ही नजर आ रहा है। प्रदेशभर से उपचार के लिए पहुंचने वाले लोगों के बीच अक्सर यह मामला चर्चा का विषय बना रहता है, लेकिन दूसरी तरफ एम्स के निर्माण में लगी कंपनी का स्टाफ यहां साइट से लगभग गायब हो चुका है।
निर्माण कंपनी ने काम को अधूरा छोड़कर ही पैकअप का काम शुरू कर दिया है, जिससे यहां पहुंचने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एम्स बिलासपुर के कई प्रमुख गेट, रास्ते, काम्पलेक्स अब तक अधूरे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स बिलासपुर का उद्घाटन पांच माह पहले पांच अक्टूबर को कर गए हैं, लेकिन उसके बाद भी निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
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अब भी काम अधूरा
एम्स परिसर में निर्माणाधीन कंपनी ने आईपीडी, अकादमिक, ओपीडी व डायग्नोस्टिक भवन, ऑडिटोरियम, हॉस्टल व रेजिडेंस का निर्माण लगभग पूरा कर दिया है, लेकिन प्रमुख गेट व सड़कों पर अब भी कार्य बाकी रहा हुआ है। साइट पर भारी मात्रा में लोहे का कंस्ट्रक्शन मटेरियल मौजूद है, जिससे परिसर में गंदगी फैली हुई और आगामी बरसातों में यह परेशानी बन सकती है।
परिसर की सड़कों पर कई स्थानों पर अब भी कंस्ट्रक्शन मटेरियल मौजूद है और जगह जगह स्क्रैप के डंप बने हुए हैं। कंपनी की लगभग सारी लेबर वापस लौट चुकी है और अब ऐसे में अधूरा पड़ा कार्य कई महीनों तक इसी तरह लंबित पड़ा रहेगा।
90 फीसदी काम लगभग पूरा
एनबीसीसी के प्रोजेक्ट जीएम सोहन लाल ने कहा कि एनबीसीसी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) ने एम्स बिलासपुर के निर्माण का प्रोजेक्ट एनसीसी कंपनी को दिया था। एनसीसी कंपनी इस प्रोजेक्ट को करीब 1400 करोड़ की लागत से तैयार कर रही है। परिसर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और शेष रहा कार्य भी जल्द पूरा हो रहा है।
एनसीसी के प्रोजेक्ट प्रभारी संजय सक्सेना ने कहा कि एम्स बिलासपुर का निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया है। अब केवल मरम्मत का कार्य एक साल तक चलेगा। इसके लिए एम्स परिसर में अब केवल 10 के करीब ही लेबर के कर्मचारी वहां मौजूद हैं, जो मरम्मत का कार्य देख रहे हैं। चिकित्सकों के रेजीडेंस, छात्रों के रेजिडेंस सहित सभी तरह के निर्माण को पूरा कर लिया गया है।