Himachal News: कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के मूल अलाइनमेंट में किए बदलाव की हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, इस दिन होगी अगली सुनवाई
कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के मूल अलाइनमेंट प्लान को लेकर हाई कोर्ट ने एनएचएआई प्रशासन कहा कि वह इस पर एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करें। कोर्ट द्वारा जिम्मेवार अधिकारियों पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी दाखिल करने को बोला गया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 13 जून को होनी है। दो साल पहले मंत्रालय ने इस परियोजना को बंद करने के आदेश दिए थे।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर। (Himachal Hindi News) कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के मूल अलाइनमेंट प्लान में एनएचएआई द्वारा केंद्र सरकार की अनुमति लिए बिना किए बदलाव पर उच्च न्यायालय ने एनएचएआई प्रशासन से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इसके अलावा यह भी पूछा है कि प्रदेश सरकार से 23 सितंबर, 2023 की ओर से जो जांच रिपोर्ट, जिसमें यह बात पुष्ट हुई थी कि मूल अलाइनमेंट में जो बदलाव हुआ किए गए था।
13 मई को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करने के दिए आदेश
उसके जिम्मेवार अधिकारियों और कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की गई। इसकी रिपोर्ट भी 13 मई को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए गए हैं, क्योंकि प्रदेश सरकार की रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट हो गई थी कि अधिकारियों ने बिना केंद्र की मंजूरी के अलाइनमेंट में बदलाव किया था।
13 जून को होगी मामले की अगली सुनवाई
कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन (Kiratpur Nerchowk Four Lane News) प्रभावित एवं विस्थापित समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने बताया कि यह आदेश मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्रन राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुबे की खंडपीठ ने गत सोमवार को समिति द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए दिए हैं। मामले की अब सुनवाई 13 जून को होगी।उन्होंने बताया कि एनएचएआई ने केंद्र सरकार से स्वीकृति लिए बिना ही फोरलेन की मूल अलाइनमेंट में बदलाव कर दिया था। समिति द्वारा पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय देहरादून में इस बारे में शिकायत की थी। जिस पर सरकार व एनएचएआई द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। जिस पर दो साल पहले मंत्रालय ने इस परियोजना को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए थे।यह भी पढ़ें: Himachal में फिल्म सिटी का सपना पूरा करेंगी कंगना, पूर्व CM शांता कुमार बोले- प्रदेश में एक नया उद्योग होगा विकसित
एनएचएआई को दोबारा से काम करने मिली थी मंजूरी
जिस पर हरकत में आई सरकार व एनएचएआई ने रिपोर्ट दी थी कि मुहाल मेहला, थापना, टाली, तुन्नु व पट्टा आदि इस फोरलेन में 28.36 हेक्टेयर भूमि में बदलाव किया है जिस पर मंत्रालय ने एकीकृत कमेटी का गठन कर कुछ शर्तों को तय कर एनएचएआई को दोबारा से काम करने की मंजूरी दी थी।पेड़ों की जांच व कोताही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा की गई थी।जिस पर मुख्य अरण्यपाल बिलासपुर ने सहायक अरण्यपाल मुख्यालय बिलासपुर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, लेकिन आठ महीने तक कोई कार्रवाई न होने पर समिति ने उच्च न्यायालय में शरण ली थी।
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