Himachal News: शाहतलाई प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुक्खू से की मुलाकात, डिपो-गौशाला समेत विकास को लेकर रखीं 7 मांगें
शाहतलाई का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिला और 7 मांगें रखीं। इसमें शाहतलाई उपतहसील कार्यालय को फिर से खोलना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण कार्य में तेजी लाना अग्निशमन विभाग की चौकी खोलना शाहतलाई को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना हिमाचल पथ परिवहन निगम का डिपो खोलना गौशाला खोलना और दशहरा मेले को जिला स्तरीय दर्जा देना शामिल है।
संवाद सहयोगी, शाहतलाई। सनातन सेवा समिति शाहतलाई का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को शाहतलाई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिला। इस दौरान उन्होंने शाहतलाई उपतहसील कार्यालय पुनः बहाल करने व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहतलाई के निर्माणाधीन भवन कार्य धीमी गति से चला हुआ उसे शीघ्रता से पूरा करवाने की मांग की ताकि क्षेत्रवासियों को सीएचसी की सुविधा मिल सके।
इसके अलावा शाहतलाई में अग्निशमन विभाग की चौकी खोली जाए ताकि आगजनी की घटना होने पर समय रहते काबू पाया जा सके। शाहतलाई बाबा बालक नाथ जी के कारण प्रसिद्ध है। यहां पर देश और विदेश से लोग आते हैं। शाहतलाई को पर्यटक की दृष्टि से विकसित किया जाए। वहीं, शाहतलाई में हिमाचल पथ परिवहन निगम का डिपो खोलना है।
बाबा बालक नाथ से है शाहतलाई का नाता
सनातन सेवा समिति शाहतलाई का कहना है कि शाहतलाई शहर का नाता बाबा बालक नाथ जी से है और शाहतलाई में बाबा जी ने 12 वर्षों तक गऊएं चराई थी इसलिए शाहतलाई में एक गौशाला भी खोली जाए ताकि बाबा बालक नाथ की नगरी शाहतलाई में गऊओं का निरादर न हो। सनातन सेवा समिति शाहतलाई की 7वीं मांग है कि समिति द्वारा इसी वर्ष से शुरू किए दो दशहरा मेला को जिला स्तरीय मेला का दर्जा दिया जाए।बजट के लिए भेजें योजनाएं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला स्थित सरकारी आवास ओकओवर में सोमवार को मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बैठक कर बजट के लिए योजनाओं को भेजने का निर्देश दिया। साथ ही 'सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम" के तहत संवाद करने को कहा।उन्होंने सभी संबंधित विभागों की कार्य प्रणाली की समीक्षा भी की। उन्होंने मंत्रियों को सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा। कहा कि वह स्वयं इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने 'सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम" शुरू किया है ताकि दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोग लाभान्वित हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए कार्यरत है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई कल्याणकारी नीतियां और फ्लैगशिप कार्यक्रम शुरू किए हैं।प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की संकल्पना को साकार करने की दिशा में सभी को समावेशी प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार ने ठोस प्रयास किए हैं, जिसके धरातल पर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ सुदृढ़ हो रही है।
उन्होंने कहा कि समाज के वंचित वर्गों को विकास की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों का समुचित व संतुलित उपयोग सुनिश्चित कर रही है। सरकार राज्य के और प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा करते हुए प्रदेश को समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के सदस्यों को जनहित की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार कदम उठाने के निर्देश दिए।
जन कल्याण को सर्वोच्च अधिमान देते हुए विकासात्मक परियोजनाओं और योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करना नितांत आवश्यक है। बैठक में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी व शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी उपस्थित रहे।यह भी पढ़ें- कालका-शिमला रेलवे लाइन को ग्रीन हाइड्रोजन से चलाने की तैयारी, CM सुक्खू ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
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