ABVP से अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले जेपी नड्डा बीजेपी के कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते हैं। बीजेपी में जेपी नड्डा की महत्वपूर्णता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह लगातार दो बार से बीजेपी का नेतृत्व (BJP National President) कर रहे हैं।
हिमाचल के हैं नड्डा
पार्टी को उन पर संपूर्ण भरोसा है। एक छात्र के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले नड्डा को राज्य और केंद्रीय संगठन में काम करने का लंबा अनुभव भी है। वैसे तो बिहार में जन्मे जेपी नड्डा मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश से अपनी पढ़ाई पूरी की है।
कौन हैं जेपी नड्डा
जेपी नड्डा का पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा है। वह एक ब्राहम्ण परिवार से है। उन्होंने पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल में 12वीं तक पढ़ाई की और फिर पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से उन्होंने LLB की पढ़ाई पूरी की। जेपी नड्डा ने साल 1975 में हुए जय प्रकाश नारायण आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और तब ही से उनके राजनीति करियर की शुरुआत हुई।
ABVP के संगठन मंत्री के रूप में किया काम
साल 1984 में नड्डा ने हिमाचल प्रदेश में ABVP के संगठन मंत्री के रूप में काम किया और दिल्ली में हुए अनेकों आंदोलन का भी नेतृत्व किया। उनकी बढ़ती हुई भूमिका के चलते 1989 में वह ABVP के राष्ट्रीय सचिव चुने गए। वहीं, साल 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाए गए।
जेपी नड्डा का हिमाचल से कैसा है नाता
जेपी नड्डा का हिमाचल से गहरा नाता है। वह मूलरूप से हिमाचल के हैं और पहली बार उन्होंने हिमाचल के बिलासपुर से चुनाव जीता। उन्होंने साल 1993 में बिलासपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा और हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पदभार संभाला। वह पहली बार हिमाचल सरकार में मंत्री बने। उन्होंने 1998 में कैबिनेट मंत्री के रूप में स्वास्थ्य व परिवार कल्याणा एवं संसदीय कार्य मंत्रालय में पदभार संभाला।
तीसरी बार हिमाचल सरकार में बने मंत्री
वह लगतारा फिर तीसरी बार हिमाचल सरकार में मंत्री बने। उन्होंने 2007 विधानसभा का चुनाव जीता और वन एवं पर्यावरण, विज्ञान व प्रौघोगिकी विभाग का कार्यभार संभाला। साल 2010 में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा हिमाचल प्रदेश से पहली बार राज्य सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। फिर 2018 में हिमाचल से ही राज्य सभा के सदस्य चुने गए।
हिमाचल प्रदेश में मोदी से बने नजदीक रिश्ते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ जेपी नड्डा के अटूट रिश्ते रहे हैं। दरअसल, नरेंद्र मोदी जब हिमाचल प्रदेश के प्रभारी हुआ करते थे उस वक्त नड्डा की हिमाचल प्रदेश में लोकप्रियता से बेहद प्रभावित थे। इसी दौरान दोनों नेता एक दूसरे के निकट आए।दोनों नेताओं को एक साथ काम करने का मौका मिला। उस दौरान कई बार दोनों नेता अशोक रोड स्थित भाजपा मुख्यालय में एक साथ रहते थे। यही वजह रही कि 2014 में जब केंद्र में मोदी की सरकार बनी तो उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। वर्ष 2019 में जब उन्होंने मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली तो यह तय माना जा रहा था कि पार्टी अध्यक्ष का पद उनकी ताजपोशी तय है।
बीजेपी में कैसे बढ़ी जेपी नड्डा की धाक?
बीजेपी में जेपी नड्डा की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले नड्डा साल 2021 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में अपने गृह राज्य में भी बीजेपी को जीत नहीं दिला पाए, उसके बाद भी पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष बनाए रखा है। वह पार्टी के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक हैं। हर चुनावी रैली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जरुर होते हैं।
2010 के बाद बीजेपी में मजबूत हुई नड्डा की धाक
साल 2010 के बाद से अध्यक्ष नड्डा की धाक बीजेपी में मजबूत हो गई। साल 2010 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उन्हें अपने नेतृत्व में पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया।तब से नड्डा ने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति के स्तर पर पद मिलने के तुरंत बाद नड्डा अप्रैल, 2012 में राज्यसभा के सदस्य बने और 2019 के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश की बागडौर संभाली।
2020 में चुने गए राष्ट्रीय अध्यक्ष
जेपी नड्डा ने साल 2014 से 2019 तक पीएम मोदी के कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया। समय के साथ पार्टी में उनकी महत्वता और मजबूत होती चली गई। यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया।
साल 2019 में उन्हे भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और 20 जनवरी 2020 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। फिर साल 2021 में लोकसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया गया।
2020 से जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी ने कहां कहां चुनाव जीता?
20 जनवरी 2020 को जेपी नड्डा को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। उनके नेतृत्व में बीजेपी ने कई राज्यों में हुए चुनावों में जीत भी हासिल की है। 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में JDU-BJP के गठबंधन में सरकार बनी थी।
वहीं, साल 2021 में असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जेपी नड्डा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया। वहीं, पुडुचेरी में उनके नेतृत्व में बीजेपी ने पहली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई।
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सात राज्यों में से बीजेपी पांच में दर्ज की जीत
साल 2022 में देश के सात राज्यों में चुनाव हुए थे जिसमें से बीजेपी ने पांच राज्यों में बहुमत के साथ सरकार बनाई। जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी ने 2022 में उत्तर प्रदेश, मणिपुर, गोवा , गुजरात और उत्तराखंड में जीत हासिल की।वहीं, साल 2023 में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें से बीजेपी ने त्रिपुरा में सरकार बनाई तो वहीं, नागालैंड में गठबंधन की सरकार बनाई। वहीं, मेघालय में बीजेपी ने एनपीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। वहीं, अभी चार राज्यों के परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
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