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हिमाचल की सैर पर अब और आएगा मजा, एडवेंचर एक्टिविटिज का होगा भरपूर डोज; अब ये गतिविधि हुई शुरू, नियम भी होंगे तैयार

हिमाचल प्रदेश में जिला बिलासपुर से पैरासेलिंग और पैरामोटर (Parasailing and Paramotor in Himachal) साहसिक गतिविधियों की पहली बार शुरुआत हो गई है। ऐसे में अब प्रदेश में इन दोनों गतिविधियों के लिए नियम बनाए जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने पर्यटन विभाग को नियमों का ड्राफ्ट बनाकर सरकार को भेजने के निर्देश जारी किए हैं। पैरामोटर गतिविधि ज्यादा गंभीर है क्योंकि इसके लिए पायलट का होना जरूरी है।

By munish ghariya Edited By: Preeti Gupta Updated: Sun, 21 Jan 2024 08:54 AM (IST)
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हिमाचल में एडवेंचर एक्टिविटिज का होगा भरपूर डोज (फोटो-सोशल मीडिया)

मुनीष गारिया, बिलासपुर। Himachal News: हिमाचल प्रदेश में जिला बिलासपुर से पैरासेलिंग और पैरामोटर (Parasailing and Paramotor in Himachal) साहसिक गतिविधियों की पहली बार शुरुआत हो गई है। नई शुरुआत के साथ ही इन गतिविधियों के लिए नियमों की जरूरत भी महसूस होने लगी है।

पैरासेलिंग और पैरामोटर हिमाचल में हुई शुरू

ऐसे में अब प्रदेश में इन दोनों गतिविधियों के लिए नियम बनाए जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने पर्यटन विभाग को नियमों का ड्राफ्ट बनाकर सरकार को भेजने के निर्देश जारी किए हैं। पैरासेलिंग और पैरामोटर दोनों ही गतिविधियां अभी तक हिमाचल में शुरू नहीं हुई थीं। हालांकि यह दोनों की गतिविधियां पैराग्लाइडिंग का स्वरूप हैं, लेकिन पैरामोटर गतिविधि ज्यादा गंभीर है, क्योंकि इसके लिए पायलट का होना जरूरी है।

पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा बिलासपुर 

जिला बिलासपुर को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। पहले बंदलाधार को पैराग्लाइडिंग के लिए विकसित किया गया तो अब गोबिंदसागर झील में सालभर पैरासेलिंग और पैरामोटर जैसी गतिविधियां करवाने की योजना है। 

पैरासेलिंग और पैरामोटर के लिए संचालन और पैमाना नहीं हुआ तय

पर्यटन विभाग इस दिशा में लगातार कदमताल तो कर रहा है लेकिन इसके विपरीत न तो इन दोनों गतिविधियों को संचालित करने वाला प्रदेश में कोई इच्छुक व्यक्ति सामने आया है और न ही अभी तक इसका कोई पैमाना तय किया गया है, ताकि प्रदेश के युवाओं को इस तरह की साहसिक गतिविधियों के साथ स्वरोजगार मिल सके। 

चयनित झीलों के किनारों व साइट के टेंडर लगाए जाएंगे

सालभर यह गतिविधियां चलानी हैं तो इसके लिए चयनित झीलों के किनारों व साइट के टेंडर लगाए जाने जरूरी हैं। अगर पर्यटन विभाग के प्रयास सफल रहते हैं तो प्रदेश का यहां युवा वर्ग यहां स्वरोजगार की राह पर चल सकता है।

क्या होती है पैरासेलिंग? 

पैरासेलिंग मुख्य रूप से एक मनोरंजक साहसिक गतिविधि है। पैराग्लाइडिंग के विपरीत, पैरासेलिंग में एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया पैराशूट होता है जिसे पैरासेल कहा जाता है। पैरासेल को या तो नाव या वाहन द्वारा खींचा जाता है और आपरेटर के पास इसका नियंत्रण होता है।

क्या होता है पैरामोटर? 

पैरामोटरिंग अल्ट्रालाइट विमानन का एक रूप है जहां पायलट अपनी पीठ पर एक मोटर (एक पैरामोटर) पहनता है जो एक अनुकूलित पैराग्लाइडर या पैरामोटर विंग का उपयोग करके उड़ान भरने के लिए पर्याप्त जोर प्रदान करता है। इस पैरा मोटर के साथ पैराशूट भी लगा होता है, जो हवा में उड़ने और दिशा नियंत्रित करने में सहायता करता है। इसे शांत हवा में और समतल जमीन पर अकेले पायलट द्वारा टेक आफ किया जा सकता है।

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पैरासेलिंग और पैरामोटर के लिए बनेंगे नियम 

बिलासपुर जिला में पर्यटन गतिविधियों को पंख लगाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। वाटर स्पोटर्स उत्सव का आगाज भी यही सोच कर किया गया है। पैरासेलिंग और पैरामोटर गतिविधियों को संचालन के लिए नियम बनाए जाएंगे। प्रशासनिक आदेशों के अनुसार नियमों का ड्राफ्ट बनाकर स्वीकृति के लिए निदेशालय एवं सरकार को भेजा जाएगा।-रितेश कुमार, अतिरिक्त जिला पर्यटन अधिकारी, बिलासपुर।

पर्यटन विभाग बनाएगा नियम 

पैरामोटर और पैरासेलिंग के लिए नियम बनाने के लिए पर्यटन विभाग को कहा गया है। नियमों का ड्राफ्ट बनाकर सरकार को भेजा जाएगा। नियम बनाने के बाद लाइसेंस प्रणाली भी लागू होगी। टेंडर में लाइसेंसधारकों को साइटें दी जाएंगी। -आविद हुसैन सादिक, उपायुक्त बिलासपुर।

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