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..चंबा की सरहद पर होगी नाकाबंदी

By Edited By: Updated: Sat, 13 Jul 2013 01:51 AM (IST)
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राकेश शर्मा, चंबा

ऐतिहासिक मिंजर और मणिमहेश मेले के मद्देनजर पुलिस ने जिला की सीमाओं को सील करने का फैसला किया है। साथ ही आने वाले दिनों में शहर के अंदर भी पुलिस की गश्त बढ़ाई जा रही है। पुलिस का इस वक्त सबसे ज्यादा ध्यान जम्मू-कश्मीर और पंजाब से जुड़ी सीमाओं पर लगा हुआ है।

जिला के कुछ हिस्से ऐसे हैं, जहां से इन दोनों राज्यों से पैदल भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। पुलिस के लिए इस बार मिंजर की सुरक्षा कड़ी चुनौती साबित होने वाली है। इससे पूर्व तक जम्मू-कश्मीर से जुड़ी सीमाओं की सुरक्षा अ‌र्द्धसैनिक बल के हवाले थी और प्रदेश पुलिस के जवान अंदरूनी हिस्सों में ही पहरा देते थे। इसके बावजूद मिंजर मेले और मणिमहेश यात्रा के लिए बाहरी जिलों से पुलिस बल को चंबा बुलाया जाता रहा है। लेकिन केंद्र सरकार के अ‌र्द्धसैनिक बल को हटाने के निर्देश के बाद दिसंबर में जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर स्थित चौकियों से अ‌र्द्धसैनिक बल को वापस बुला लिया गया था। साथ ही उस समय हिमाचल पुलिस को ही सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। लेकिन चंबा जिला में अब एक साथ दो बड़े उत्सव होने जा रहे हैं। जिनमें से मिंजर मेले का रूतबा प्रदेशस्तरीय है तो मणिमहेश में देशभर से तीर्थ यात्री चंबा का रुख करते हैं।

सुरक्षा के मुद्दे पर पुलिस अधिकारी दोनों आयोजनों को लेकर निरंतर बैठकें कर रहे हैं और सुरक्षा की दृष्टि से प्लान भी तैयार किए जा रहे हैं। जिसमें चंबा-पठानकोट हाईवे पर तुन्नूहट्टी में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने की योजना है। इसके अलावा इस मार्ग पर हिमाचल की सीमा शुरू होते ही पुलिस जवान नजर आने शुरू हो जाएंगे। मुख्य मार्ग से चंबा की सीमा में दाखिल होने वाले सभी वाहनों की चैकिंग का बंदोबस्त किया जा रहा है। जबकि जम्मू-कश्मीर की सीमा से जुड़े चंबा के क्षेत्र पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से इस बात को स्पष्ट नहीं किया है कि सीमावर्ती क्षेत्र में कितने पुलिस जवान तैनात रहेंगे और उनके पास कौन से हथियार होंगे। रही बात चंबा शहर की तो यहां गुप्तचर एजेंसियों की मदद से शहर में हो रही हर हलचल पर नजर रखी जा रही है।

पुलिस करेगी पुख्ता इंतजाम : एसपी

पुलिस अधीक्षक बीएम शर्मा का कहना है कि मिंजर व मणिमहेश यात्रा के मद्देनजर पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। इस संबंध में बैठकों का दौर लगातार जारी है। जल्द ही बाहरी जिलों से पुलिस बल की मांग की जाएगी। यह व्यवस्था मणिमहेश यात्रा के संपन्न होने तक बनी रहेगी।

क्यों है जरूरी यह व्यवस्था

मिंजर मेले के दौरान 1998 में चंबा में आतंकवादी हमला हुआ था। इस भीषण नरसंहार में आतंकवादियों ने 35 लोगों को मौके पर ही गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया था। जबकि कुछ लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे। चंबा में मिंजर के इतिहास में 1998 का वो पल खूनी मिंजर के नाम से दर्ज है।

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