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Himachal Lok Sabha Election 2024: मतदान से पहले सुरक्षा व्‍यवस्‍था चाक चौबंद, इन सीमाओं को किया गया पूरी तरह सील

हिमाचल प्रदेश में कल एक जून को होने वाले मतदान से पहले सुरक्षा व्‍यवस्‍था चाक चौबंद है। खैरी सेक्टर के साथ ही पंजाब से लगती सीमाओं पर भी हर तरह की गतिविधियों पर पैनी नजर है। इतना ही नहीं मतदान से पहले जिले के हर क्षेत्र में चौकड़ी बढ़ाते हुए दिन रात पेट्रोलिंग जारी है। जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल को जोड़ने वाले सेवा नदी पर बने पुल सील हैं।

By Chamba Office Edited By: Himani Sharma Published: Thu, 30 May 2024 10:09 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2024 08:23 AM (IST)
Himachal Lok Sabha Election 2024: मतदान से पहले सुरक्षा व्‍यवस्‍था चाक चौबंद

जागरण संवाददाता, चंबा। Himachal Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावों को लेकर कल यानी एक जून को होने वाले मतदान को लेकर पुलिस ने चंबा की सीमाओं सहित अन्य स्थानों पर चौकसी बढ़ा दी है।

सुरक्षा के लिहाजा से भी जिला चंबा की अन्य राज्यों के साथ लगती सीमाएं व कुछ अन्य क्षेत्र अति संवेदनशील हैं, लिहाजा मतदान से पहले पुलिस ने जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल को जोड़ने वाले सेवा नदी पर बने पुल से लेकर खैरी के चूहन सिंधारा, खुंडी मराल व लंगेरा से होकर चुराह घाटी सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी हैं।

पंजाब से लगती सीमाओं पर भी रखी जा रही पैनी नजर

खैरी सेक्टर के साथ ही पंजाब से लगती सीमाओं पर भी हर तरह की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इतना ही नहीं मतदान से पहले जिला के हर क्षेत्र में चौकड़ी बढ़ाते हुए दिन रात पेट्रोलिंग की जा रही है। पड़ोसी राज्यों से प्रदेश व जिला में प्रवेश कर रही रही गाड़ियों को गहन चैकिंग एवं निगरानी के साथ ही एंट्री दी जा रही है।

पड़ोसी राज्यों से होकर गुजरने वाली बसों के साथ निजी वाहन की जांच के साथ गाडि़यों में रखे सामान की भी प्रमुखता से जांच की जा रही है। ताकि शांत प्रदेश में संदिग्ध गतिविधियों से किसी तरह की अशांति का माहौल न बन सके। ओर शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न हो सके। उधर मिलिट्री फोर्स के जवान भी सुरक्षा के मध्य नजर विभिन्न स्थानों पर नजर बनाए हुए हैं।

आतंकी घटनाओं से अछूता नहीं है चंबा

  • वर्ष1993 में चंबा के किहार क्षेत्र के गांव जलाड़ी में घटी आतंकी घटना ने सब को भयभीत कर दिया था।आतंकवादी एक घर में घुस कर दो लोगों को गोली मारकर भाग निकले थे।
  • सलूणी के लंगेरा क्षेत्र जम्मू के साथ लगते पधरी जोत से दो चरवाहों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद चंबा पुलिस ने दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
  • 1995 में मनसा धार में आतंकियों ने दो पुलिस जवानों पर गोलियों चला कर मार दिया था।
  • 1996 में आतंकवादियों ने किहार सेक्टर में दो भेड़पालकों को लूटा था।

आतंकियों ने दिया था दिल दहला देने वाली घटना को आंजाम

वर्ष 1998 में चुराह के कालाबन में आतंकियों ने दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया था। परिवार के लिए दो वक्त की रोजी जुटाने के लिए चंबा पांगी सड़क मार्ग के कार्य में लगे निर्दोष मजदूर जब कार्य से लौट कर अपने टैंट चुराह (कालावन सतरूंडी) में आराम कर रहे थे, तो उसी वक्त जम्मू-कश्मीर की सीमा पार कर आतंकी कालाबन पहुंच गए और आराम फरमा रहे 35 मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया।

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घटना तीन अगस्त 1998 की है। बताया जाता है कि पहले आतंकियों ने मजदूरों को साथ एक लाइन में खड़ा किया और उनके हाथ बांध दिए। फिर एक-एक करके सभी पर गोलियां बरसाई। इसके अलावा भी लंगेरा, पांगी, खैरी एवं तीसा क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं।

एक जून को होने वाले मतदान से पहले सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। अन्य राज्यों से लगती सीमाओं को सील करने के साथ जिला के हर क्षेत्र में चौकसी के साथ दिन रात पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए हैं। ताकि चुनावों की हलचल के बीच सीमा सहित अन्य क्षेत्रों में शांति बनी रहे ओर चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो पाए। -मुकेश रेप्सवाल, उपायुक्त चंबा।

मतदान से पहले पुलिस ने जिला की सीमाओं के साथ अन्य क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है। जिला की सीमाओं पर तैनात अतिरिक्त पुलिस के जवान दिन रात पेट्रोलिंग करने के साथ हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। बाहरी राज्यों से आने जाने वाली सभी गाड़ियों को जांच के बाद ही सीमाओं के भीतर प्रवेश दिया जा रहा है। ताकि जिला में शांति बनी रहे। -अभिषेक यादव, पुलिस अधीक्षक चंबा।

जिला में करीब 20 मतदान केंद्र अति संवेदनशील

जिला के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कुल 631 मतदान केंद्र हैं। इनमें से 20 अतिसंवेदनशील है। इसके अलावा 611 सामान्य मतदान केंद्र हैं। इनमें 593 केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों जबकि 28 केंद्र शहरी क्षेत्रों में बनाए गए हैं। जिनमें चार लाख से अधिक मतदाता हैं। यह मतदाता दो संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।

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