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Himachal Pradesh: हिमस्खलन रोक रहा पांगी के वाहनों की रफ्तार, सफर करना खतरे से खाली नहीं

हिमाचल प्रदेश में हिमस्‍खलन वाहनों की रफ्तार रोक रहा है। उदयपुर-किलाड़-संसारी नाला मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में लोगों ने उक्त मार्ग पर हिमस्खलन संभावित स्थानों के समीप मशीनरी व कर्मचारियों को तैनात करने की मांग की है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 19 Feb 2023 08:52 PM (IST)
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हिमस्खलन रोक रहा पांगी के वाहनों की रफ्तार, सफर करना खतरे से खाली नहीं
जागरण संवाददाता, पांगी: उदयपुर-किलाड़-संसारी नाला मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। उक्त मार्ग पर किसी भी समय हिमस्खलन हो जाता है, जिस कारण वाहन फंसकर रह जाते हैं। ऐसे में वाहनों में सवार चालकों व सवारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोगों ने उक्त मार्ग पर हिमस्खलन संभावित स्थानों के समीप मशीनरी व कर्मचारियों को तैनात करने की मांग की है।

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इस वर्ष जनवरी और फरवरी माह में पूरे पांगी में भारी बर्फबारी के कारण बार-बार अंदरूनी व बाहरी मार्ग बाधित रहे। पांगी के मुख्य मार्ग को सीमा सड़क संगठन की ओर से छोटे वाहनों के लिए खोल तो दिया गया है। लेकिन, मार्ग की पांगी की शौर पंचायत से लेकर लाहौल के तिंदी तक हालत खस्ता है।

स्थानीय लोगों राम भक्त, आशा कुमार, मदनलाल, संजय कुमार, रूप लाल, काहन चंद, चेंचला कुमारी, रजनीश कुमार, योग राज, कर्म लाल, जय लाल, पिंकी, आशा, कमलेश, रजनी, धीरज कुमार, जलमी, रुसली, रूम देई, कैलाशो, वीर सिंह, जयंती देवी, रोहित शर्मा, अनिल कुमार, जगत राम, केशव सिंह, राकेश तथा विजय कुमार का कहना है कि सीमा सड़क संगठन जल्दबाजी में मात्र औपचारिकताएं ही पूरी कर रहा है। उदयपुर से किलाड़ के बीच में कई नाले हैं, जहां कभी भी कहीं भी हिमस्खलन व भूस्खलन हो जाता है। इसलिए मार्ग खोलने के बाद एक दो दिनों के बाद बाहन चलाने की अनुमति देनी चाहिए।

सतिंदी-किलाड़ मार्ग की हालत खस्‍ता

सतिंदी-किलाड़ मार्ग की हालत खस्ता है। लोग अपनी जान हथेली पर रख कर चलते हैं। मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य ठीक नहीं किया गया है। कहीं-कहीं मार्ग खोलने के बाद फिर से हिमस्खलन हो जाता है। जिसमें गाड़ियां फंस जाती हैं। सवारी और चालक स्वयं बर्फ हटा कर मार्ग बनाते हैं। सीमा सड़क संगठन को संभावित स्थानों पर मशीनें रखनी चाहिए।वीर सिंह राणा, पूर्व पंचायत समिति सदस्य पांगी।

मार्ग से हटाया जा रहा बर्फ

मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य पूर्ण रूप से किया जाता है। एक बार बर्फ हटाने बाद वहां से आगे निकल जाते हैं तो फिर से हिमस्खलन हो जाता है। जैसे-जैसे मार्ग से बर्फ हटाते हैं तो वाहन चालक वाहन लेकर निकल जाते हैं। बीआरओ का तो हमेशा सुझाब रहता है कि जोखिम न उठाएं। भारी बर्फबारी हुई है। इसमें हिमस्खलन व भूस्खलन होता रहता है।समुंदर सिंह, सिविल इंजीनियर सीमा सड़क संगठन।

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