Move to Jagran APP

चंबा शहर का दिल है चौगान, हसीन वादियां-खूबसूरत झरने कर देंगे 'मंत्रमुग्ध', इन जगहों का जरूर करें दीदार

हिमाचल प्रदेश का साचपास जिला चंबा का खूबसूरत पर्यटन स्थल है। साचपास चंबा व पांगी घाटी को जोड़ता है। यहां सितंबर में भी बर्फ देख सकते हैं। मार्ग के बीच कई खूबसूरत झरने ग्लेशियर व हरी-भरी वादियों का लुत्फ उठा सकते हैं। चोटी पर मां जोतां वाली का ऐतिहासिक मंदिर है। बैरागढ़ माता व देवीकोठी माता के मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Fri, 25 Oct 2024 08:49 PM (IST)
Hero Image
बेहद खूबसूरत है हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले का चौगान
मिथुन ठाकुर, चंबा। हिमाचल प्रदेश का साचपास जिला चंबा का खूबसूरत पर्यटन स्थल है। साचपास चंबा व पांगी घाटी को जोड़ता है। यहां सितंबर में भी बर्फ देख सकते हैं। मार्ग के बीच कई खूबसूरत झरने, ग्लेशियर व हरी-भरी वादियों का लुत्फ उठा सकते हैं। चोटी पर मां जोतां वाली का ऐतिहासिक मंदिर है। बैरागढ़ माता व देवीकोठी माता के मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।

पांगी में मिंधल माता का मंदिर, सुराल वैली व हर-भरे मैदान हैं। सर्दियों में अधिक हिमपात होने पर साचपास बंद कर दिया जाता है। फिर यह दर्रा मई या जून में खुलता है। साचपास होते हुए पांगी के मुख्यालय किलाड़ तक जा सकते हैं। चंबा से साचपास लगभग 125 किलोमीटर और चंबा से पांगी लगभग 175 किलोमीटर है।

चंबा का चौगान

साचपास यात्रा के दौरान कई अन्य पर्यटन स्थल भी निहार सकते हैं। चौगान को चंबा का दिल माना जाता है। यह शहर के बीचों-बीच स्थित हरी घास का बड़ा मैदान है। यहां काफी संख्या में पर्यटक व स्थानीय लोग पहुंचते हैं। चौगान में अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला, खेलकूद व अन्य गतिविधियां होती हैं। चौगान में बच्चों के झूले भी स्थापित हैं।

लक्ष्मी नारायण मंदिर

यह शहर में स्थित ऐतिहासिक मंदिर है। लक्ष्मीनारायण मंदिर छह मंदिरों का समूह है। इसका निर्माण राजा साहिल वर्मन ने 10वीं शताब्दी में करवाया था। मंदिर का निर्माण शिखर शैली में किया गया है। परिसर में राधा कृष्ण व गौरी शंकर के मंदिर हैं। लोग दर्शन करने के साथ मंदिर इतिहास के बारे में जानने में भी रुचि दिखाते हैं।

सूही माता मंदिर

चंबा शहर के ऊपर की पहाड़ी पर सूही माता मंदिर पर स्थित है। यह मंदिर रानी सुनैयना को समर्पित है। रानी सुनैयना ने चंबा के लोगों की प्यास बुझाने के लिए समाधि ली थी। इनकी याद में अप्रैल में सूही मेला लगता है। पहाड़ी पर चामुंडा माता का मंदिर भी है। यहां माता के दर्शन करने के साथ पर्यटक पहाड़ी से रावी नदी के किनारे स्थित चंबा शहर के खूबसूरत नजारे को देख सकते हैं।

भूरी सिंह संग्रहालय

चंबा शहर में ऐतिहासिक भूरी सिंह संग्रहालय भी है। संग्रहालय वर्ष 1908 में बना था। इसका नाम राजा भूरी सिंह के नाम पर है। यहां राजा भूरी सिंह के परिवार के चित्रों का संग्रह है। शारदा लिपि में शिलालेख रखे हैं। संग्रहालय में चंबा के शासकों के काल की कई कृतियां देखने को मिलती हैं। पुराने जमाने के हथियार, सिक्के, पहाड़ी आभूषण और वेशभूषा, विभिन्न सजावटी सामान संरक्षित है। संग्रहालय अवकाश के दिन बंद रहता है। प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम के पांच बजे तक खुला रहता है।

चंबा के देसी राजमा का स्वाद जरूर लें

चंबा जिला में पहुंचने पर लोग विभिन्न ढाबों पर चंबियाली धाम का लुत्फ उठा सकते हैं। चंबा का देसी राजमा बहुत पसंद किया जाता है। पंजाबी और चाइनीज खाना भी मिल जाता है। चंबियाली धाम लगभग 120 रुपये प्रति प्लेट मिलती है। पंजाबी खाने का दाम 100 से 150 रुपये प्रति प्लेट तक रहता है। चाइनीज खाने का दाम करीब 80 से 100 रुपये प्रति प्लेट है।

ये भी पढ़ें: हिमाचल में घूमने की ये जगहें कर देंगी कुल्लू, मनाली को भी फेल, एक बार जरूर जाएं

कैसे पहुंचे चंबा?

चंबा पहुंचने के लिए बाहरी राज्यों के पर्यटकों को पठानकोट तक बस या ट्रेन से पहुंचना होगा। इसके बाद टैक्सी या बस से चंबा पहुंच सकते हैं। यदि कांगड़ा से आना हो तो गगल तक हवाई उड़ान की सुविधा है। उसके आगे टैक्सी या बस से पहुंच सकते हैं। बस में पठानकोट से चंबा का बस का किराया 245 रुपये व टैक्सी का 3000 से 3500 रुपये तक रहता है। वहीं, कांगड़ा से चंबा का बस किराया 360 रुपये व टैक्सी का 4000 रुपये तक है।

चंबा से साचपास कैसे जाएं?

चंबा से पांगी के बीच दिन में एक बस सेवा है। चंबा से बस सुबह सवा पांच बजे और पांगी से चंबा के लिए सुबह नौ बजे चलती है। टैक्सी से भी जा सकते हैं। कोटी, चिल्ली, तीसा, तरेला व बैरागढ़ में होटल की सुविधा है। होटल में एक हजार से दो हजार के बीच कमरा मिल जाता है। कोटी, कल्हेल व तीसा में बैरागढ़ लोक निर्माण के विश्राम गृह भी हैं। चंबा से पांगी के बीच बस का एकतरफा किराया 390 रुपये प्रति यात्री है। चंबा से पांगी के लिए टैक्सियां चलती रहती हैं। टैक्सी में लगभग 1200 रुपये प्रति सवारी खर्च करने पड़ते हैं।

चंबा शहर में कहां ठहरें

चंबा शहर व जिला के अन्य स्थानों पर ठहरने के लिए होटल व विश्राम गृह की पर्याप्त व्यवस्था है। चंबा शहर में होटल में निजी होटल व विश्राम गृह हैं। यहां पर आनलाइन व आफलाइन बुकिंग की सुविधा है। होटल के एक कमरे का किराया लगभग एक हजार से तीन हजार रुपये तक रहता है। विश्राम गृह में लगभग 500 से 600 रुपये लगते हैं।

ये भी पढ़ें: पैसे हैं कम और घूमने का भी है मन... तो चले आइए जम्मू-कश्मीर की बजट फ्रेंडली इन 5 जगहों पर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।