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Khabbi Dhar Hill Station: शिमला मनाली छोड़ो अब कम भीड़ वाला पहाड़ी डेस्टिनेशन करो प्लान, काफी खास है खब्बी धार

Khabbi Dhar Hill Station चंबा के पर्यटन स्थल डलहौजी व खजियार विश्व प्रसिद्ध हैं। लेकिन चंबा की प्राकृतिक सुंदरता यहीं तक सीमित नहीं हैं। जिला चंबा का एक अनछुआ पर्यटन स्थल खब्बी धार भी है। यह पर्यटन स्थल इतना खूबसूरत है कि यहां पहुंचने के बाद जहां अत्याधिक ऊंचाई पर होने का अनुभव होता है। वहीं यहां पर मौजूद करीब 1400 वर्ष पुराना ऐतिहासिक नाग मंदिर भी मौजूद है।

By Suresh Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 26 Sep 2024 07:02 PM (IST)
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Khabbi Dhar Hill Station: हिमाचल की खूबसूरत जगहों में से एक- खब्बी धार
मिथुन ठाकुर, चंबा। Khabbi Dhar Hill Station: जिला चंबा के पर्यटन स्थल डलहौजी व खज्जियार विश्व प्रसिद्ध हैं। लेकिन, चंबा की प्राकृतिक सुंदरता यहीं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हम जितना चंबा को करीब से जानने की कोशिश करते हैं। उतना ही इसके एक से बढ़कर एक प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर पर्यटन स्थलों का पता चलता जाता है।

इन्हीं में से जिला चंबा का एक अनछुआ पर्यटन स्थल खब्बी धार (Khabbi Dhar) भी है। यह पर्यटन स्थल इतना खूबसूरत है कि यहां पहुंचने के बाद जहां अत्याधिक ऊंचाई पर होने का अनुभव होता है।

वहीं, यहां पर मौजूद करीब 1400 वर्ष पुराना ऐतिहासिक नाग मंदिर व देवदार से लंबे पेड़ों के बीच खूबसूरत बड़े घास के मैदान भी स्वतः ही पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग ही एकमात्र सहारा है।

ट्रैकिंग के बीच में पर्यटकों को देवदार से पेड़ों से होकर गुजरना पड़ता है। यहां पर वर्षभर में हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। अधिकतर पर्यटक कैंपिंग करने के लिए जाते हैं। लेकिन, वर्तमान समय में यहां पर पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के कारण पर्यटकों के समक्ष कई प्रकार की चुनौतियां भी रहती हैं।

यहां पर वर्तमान समय में बिजली व पानी की व्यवस्था नहीं है और न ही खब्बीधार में खाने की कोई व्यवस्था है। ऐसे में पर्यटकों को अपने साथ पानी के साथ-साथ खाने की चीजें भी लेकर जाना पड़ता है।

हालांकि, प्रशासन की ओर से इसे पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के उद्देश्य से योजना तैयार कर ली गई है। ऐसे में आने वाले समय में यहां पर पर्यटकों को पर्याप्त सुविधाएं मिलने वाली हैं।

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भालू व तेंदुआ सहित जुजुराना के भी होते हैं दर्शन

उक्त क्षेत्र में भालू के अलावा तेंदुआ, जुजुराना व आईबैक्स सहित अन्य प्रकार के जंगली जानवर पाए जाते हैं। ऐसे में पर्यटक खब्बी धार में न केवल खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठा सकते हैं, बल्कि यहां के जंगलों में पाए जाने वाले जंगली जानवरों को भी करीब से देखने का मौका मिलता है।

मूलभूत सुविधाएं जुटाने में जुटा प्रशासन

खब्बी धार में पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। यहां तक बिजली पहुंचाने के लिए खाका तैयार कर लिया है। जबकि, पानी की व्यवस्था करने के लिए जल शक्ति विभाग की टीम 28 सितंबर को खब्बी धार जाएगी। तीन किलोमीटर लंबी सड़क का सर्वे भी कर लिया है।

सर्वे पूरा करने के बाद तीन माह के दौरान डीपीआर तैयार की जाएगी। साथ ही फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए भी उपायुक्त की ओर से लोनिवि को निर्देश दिए गए हैं। वहीं, अगाहर, घरमाणी व दुआरू में खब्बीधार के लिए तीन स्वागत गेट भी बनाए जाएंगे।

इसके अलावा खब्बी धार में दर्शनीय स्थानों पर ईको फ्रेंडली वर्षाशालिका का निर्माण, चिह्नित स्थानों पर डस्टबिन स्थापित करने, जिला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजियार और डलहौजी में खब्बी धार के सूचना बोर्ड स्थापित करने सहित अन्य कार्य किए जाएंगे।

क्षेत्र की हजारों की आबादी होगी लाभांवित

खब्बी धार के पर्यटन की दृष्टि से विकसित होने पर क्षेत्र की हजारों की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। लोगों के लिए घरद्वार पर स्वरोजगार के साधन मिलेंगे, जिससे लोगों को रोजगार के लिए भटकने की जरूरत नहीं रहेगी। खब्बी धार को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लेकर लोगों की ओर से बीते काफी लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है।

टूरिस्ट गाइड करेंगे पर्यटकों का मार्गदर्शन

हाल ही में खब्बी धार को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लेकर उपपायुक्त ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा था कि करीब आठ से 10 स्थानीय इच्छुक युवाओं को टूरिस्ट गाइड के लाइसेंस जारी किए जाएं।

आठ से 10 किलोमीटर ट्रैकिंग कर पहुंचते हैं खब्बी धार

खब्बी धार पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करते हुए पहुंचा जा सकता है। यहां तक पहुंचने के लिए दो स्थानों से ट्रैकिंग शुरू कर सकते हैं। इनमें से एक ट्रैक जूम्महार से करीब चार किलोमीटर दूर अगाहर से शुरू होता है। यह ट्रैक 10 किलोमीटर का है।

अगाहर से शुरू होने के बाद यह ट्रैक घरौणी, मलैठी, अप्पर घरौण, गणपति मंदिर तथा बड़ी जुम्महार होते हुए खब्बी धार निकलता है। जबकि, दूसरा ट्रैक करड़पेही से शुरू होता है। यह करीब आठ किलोमीटर लंबा ट्रैक है।

कैसे पहुंचें खब्बी धार

खब्बी धार पहुंचने के लिए पठानकोट से वाया बनीखेत होते हुए सबसे पहले चंबा मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। चंबा मुख्यालय तक पहुंचने के लिए बस व टैक्सी के माध्यम से पहुंच सकते हैं। बस का किराया जहां करीब 241 तक रहता है। वहीं, टैक्सी का किराया तीन हजार से 3200 तक रहता है।

वहीं, कांगड़ा एयरपोर्ट से सफर करने पर बस के माध्यम से करीब 360 रुपये किराया व टैक्सी में 3500 तक किराया लगता है।

चंबा मुख्यालय पहुंचने के बाद बस या टैक्सी से करीब 19 किलोमीटर वाया जुम्महार होते हुए अगाहर पहुंचते हैं। जबकि, चंबा से वाया लुड्डू से घरमाणी तक बस व इसके आगे करड़पेही तक टैक्सी या छोटे वाहन से पहुंचते हैं। यह चंबा से करीब 22 किलोमीटर दूर है।

खब्बी धार का मैंने स्वयं दौरा किया था। यह सच में एक बहुत खूबसूरत पर्यटन स्थल है। इसे विकसित करने के लिए खाका तैयार कर लिया गया है।

संबंधित विभागों को जल्द से जल्द औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में स्थानीय लोगों व खब्बी धार संगठन के साथ बैठकें भी की जा रही हैं।

-मुकेश रेप्सवाल, उपायुक्त चंबा।

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