Manimahesh Yatra 2023: मणिमहेश पर्वत की यात्रा बनी हुई रहस्य, यहां होते हैं चमत्कार; जानिए कुछ रोचक बातें
Manimahesh Kailash Yatra 2023 मणिमहेश पर्वत की यात्रा रहस्य बनी हुई है। अभी तक कोई भी इस पर्वत को फतह करने में सफल नहीं रहा है। रात्रि के चौथे पहर यानी ब्रह्म मुहूर्त में एक मणि चमकती है। इसकी चमक इतनी अधिक होती है उसकी रोशनी दूर-दूर तक दिखाई पड़ती है। शिव घराट के रहस्य से भी श्रद्धालु काफी हैरान होते हैं। जानते हैं इसके कुछ रोचक किस्से।
By Himani SharmaEdited By: Himani SharmaUpdated: Mon, 11 Sep 2023 06:11 PM (IST)
चंबा, जागरण डिजिटल डेस्क। Manimahesh Yatra 2023: मणिमहेश की यात्रा बहुत कठिन मानी जाती है। पर्वतारोही भी इस पर्वत को फतह करने में घबरा जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शंकर यहां निवास करते हैं। शिवलिंग के आकार की एक चट्टान को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है। अभी तक कोई भी इस चोटी पर चढ़ने में सक्षम नहीं हो पाया है। जानते हैं इसकी कुछ खास जानकारी।
चढ़ाई करने में रहा है हर कोई असफल
मणिमहेश कैलाश पवर्त का रहस्य अभी तक कोई नहीं जान पाया है। वहीं जिसने भी इसपर चढ़ने का प्रयास किया वह असफल ही रहा और वापस चढ़ने के बारे में कभी सोचा भी नहीं। यह पवित्र पर्वत हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में उपमंडल भरमौर के तहत आता है। जो मणिमहेश कैलाश पर्वत के नाम से विश्व में प्रसिद्ध है।
गड़रिया और सांप बन गए थे पत्थर
यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि एक गड़रिया ने अपनी भेड़ों के झुंड के साथ पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश की थी। इसके बाद वह भेड़ों सहित पत्थर में बदल गया था। मुख्य शिखर के नीचे छोटी चोटियों की श्रृंखला बदकिस्मत चरवाहे और उसके झुंड के अवशेष हैं।
इसी तरह एक और किस्से के अनुसार यहां एक सांप ने भी इस चोटी पर चढ़ने का प्रयास किया था, लेकिन वह भी असफल रहा और पत्थर बन गया। यह भी माना जाता है कि भक्त कैलाश शिखर के दर्शन तभी कर सकते हैं जब भगवान प्रसन्न हों। खराब मौसम भगवान की अप्रसन्नता का संकेत है।
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