मणिमहेश डल झील क्षेत्र में लंगर और व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक, जानें क्यों लिया गया ये फैसला?
मणिमहेश यात्रा (Mani Mahesh Yatra) के दौरान डल झील (Dal Lake) की पवित्रता और पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बड़ा फैसला लिया है। ट्रिब्यूनल ने डल झील क्षेत्र में किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि और लंगर लगाने पर रोक लगा दी है। इस फैसले से पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।
जागरण संवाददाता, चंबा। अगले वर्ष मणिमहेश यात्रा (Mani Mahesh Yatra) के दौरान डल झील पर ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सभी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियों व लंगर लगाने पर रोक लगा दी है। पानी की गुणवत्ता और स्थान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए डल झील के क्षेत्र में किसी भी व्यावसायिक या लंगर गतिविधि की अनुमति नहीं होगी। ये आदेश ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ डॉ.अफरोज अहमद ने दिए हैं।
इस कमेटी ने दायर की थी याचिका
भटियात की शिव नुआला कमेटी की ओर से पिछले साल मणिमहेश यात्रा के दौरान वैकल्पिक तौर पर शौचालय की उचित व्यवस्था व सफाई का प्रबंध न होने पर याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि मणिमहेश यात्रा के दौरान वैकल्पिक तौर पर शौचालय की व्यवस्था और इनकी सफाई का प्रबंध नहीं होता है जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।इस पर ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक कमेटी का गठन करने के आदेश जारी किए थे। कमेटी में उपायुक्त चंबा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन मंडल अधिकारी शामिल किए थे। ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दो महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। पानी की गुणवत्ता और स्थान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए मणिमहेश डल के एरिया में किसी भी व्यावसायिक या लंगर गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यात्रा पर जाने से पहले लेनी होगी अनुमति
गैर यात्रा अवधि के दौरान ट्रैक पर ट्रैकर्स और पर्यटकों के प्रवेश के प्रबंधन के लिए वन विभाग जिम्मेदार होगा। वन, पुलिस और प्रशासन का संयुक्त सहयोग मणिमहेश के विभिन्न ट्रैक मार्गों पर तीर्थ यात्रियों के प्रवेश का प्रबंधन करेगा।कोई भी व्यक्ति या संस्था अनुमति के बिना यात्रा मार्ग पर सरकारी भूमि पर व्यावसायिक गतिविधियां नहीं करेंगे। ट्रैकर्स, पर्यटकों व यात्रियों की सेवा के लिए अस्थायी खाद्य स्टाल, दुकानें स्थापित करने के लिए विशिष्ट स्थान निर्धारित किए जाएंगे। अस्थायी दुकानों को सहारा देने के लिए कंक्रीट व पत्थर के चबूतरों को छोड़कर किसी भी स्थायी निर्माण की अनुमति नहीं होगी।
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