मनरेगा में मिला रोजगार, बढ़ी विकास की रफ्तार
पिछड़े जिलों में शुमार चंबा जिला में कोरोना काल में भय और भरोसे का समन्वय दिख रहा है।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:17 AM (IST)
सुरेश ठाकुर, चंबा
कोरोना वायरस के कारण लगाए गए कर्फ्यू एवं लॉकडाउन में जिला चंबा के कई लोग घर लौटे हैं। अभी भी दूसरे राज्यों से लोगों के लौटने का क्रम जारी है। खाली हाथ लौटे इन लोगों के लिए मनरेगा योजना वरदान बनी है। योजना के तहत जहां लोगों को रोजगार मिला है, वहीं गांवों में विकास की रफ्तार भी बढ़ी है। विभिन्न प्रदेशों से लौटे ये लोग अब मनरेगा में रोजगार प्राप्त कर अपने गांव की सूरत निखारकर अपने परिवार का भी पालन-पोषण कर रहे हैं। पहचान खो चुके मृतप्राय: पोखरों की जीवंतता लौट रही है। नालों व प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। इतना ही नहीं, नालियों के निर्माण सहित सुस्त पड़ी 'नल जल योजना' के कार्य में भी रफ्तार दिख रही है। बहुत सी ग्रामीण सड़कें जो जर्जर हो चुकी थीं, चकाचक हो रही हैं। कुल मिलाकर इस वैश्विक महामारी में भय के बीच गांव की नित नई तस्वीर सामने आ रही है। सैकड़ों पुरुष व महिला कामगारों को रोजगार के साथ रोजी रोटी कमाने का जरिया मिला है। कामगारों को मनरेगा से काम के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है। इच्छुक कामगारों को रोजगार के तौर-तरीके भी बताए जा रहे हैं। इससे एक तरफ जहां घर लौटे लोगों को काम मिल रहा है वहीं दम तोड़ रही मनरेगा को संजीवनी मिली है। लॉकडाउन के समय में जनपद में चार गुणा से अधिक श्रमिक बढ़े हैं। वर्तमान में 21,948 श्रमिकों को प्रतिदिन मनरेगा के तहत काम मिल रहा है, जो रिकॉर्ड है।
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बेरोजगार लोगों के लिए योजना बनी वरदान लॉकडाउन के चलते जनपद में 25 अप्रैल से श्रमिकों को 28 करोड़ 69 लाख 60 हजार भुगतान किया गया है। काम देने के एक सप्ताह के अंदर श्रमिकों को भुगतान दिया जा रहा है। इन दिनों चंबा जिला में बेरोजगार लोगों के लिए मनरेगा योजना बरदान साबित हो रही है।
---- कई विकास कार्य जारी दूसरे प्रदेशों से अपने जिला लौटे श्रमिकों को भी मनरेगा योजना में काम मिल रहा है। 21948 कामगारों की सूची शासन से प्रशासन को प्राप्त हुई है। इन श्रमिकों को मनरेगा से जोड़ा जा चुका है। रोजाना सैंकड़ों बेरोजगार लोगों को मनरेगा में रोजगार मिल रहा है। वर्तमान में मनरेगा से तालाब की खोदाई, रास्ता व चकरोड़ सफाई और पौधारोपण के लिए गड्ढों की खोदाई, भू-जल संरक्षण, भूमि सुधार, बकरी आश्रय स्थल, पशु आश्रय स्थल, कच्चा व पक्का पाथ, आंतरिक सड़कों सहित अन्य कार्यो किए जा रहे हैं। -- जिला में हर हाथ को काम मिले, इस उद्देश्य से जिले की सभी पंचायतों में प्रशासन द्वारा मनरेगा के कार्य शुरू किए गए हैं। मैं स्वयं प्रतिदिन मॉनिटरिग कर रहा हूं। चंबा में लॉकडाउन के दौरान प्रशासन किसी को भी कोई परेशानी नहीं आने देगा। -विवेक भाटिया, उपायुक्त चंबा। ------- इन श्रमिकों को मिला रोजगार विकास खंड,श्रमिक,खर्च बजट भरमौर,1900,75 लाख 87 हजार चंबा,2294,3 करोड़ 90 लाख 76 हजार तीसा,6934,6 करोड़ 77 लाख 60 हजार सलूणी,3644,2 करोड़ 41 लाख 7 हजार भटियात,4745,7 करोड़ 97 लाख मैहला,2100,6 करोड़ 50 लाख पांगी,534,31 लाख 4 हजार कुल,2194828 करोड़ 69 लाख 60 हजार
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