Himachal News: आठ वर्ष पूर्व शुरू हुआ था बकान-कलवारा सड़क का निर्माण कार्य, आज तक नहीं हुआ पूरा
लोक निर्माण विभाग मंडल भरमौर के उपमंडल राख के तहत निर्माणाधीन बकान-कलवारा सड़क का निर्माण कार्य करीब आठ साल पहले शुरू हुआ था और आज तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। बता दें कि सड़क का करीब साढ़े चार किलोमीटर का हिस्सा बनने के बाद ठेकेदार ने उस पर कार्य करना छोड़ दिया था और यह कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका है।
By Suresh ThakurEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 07 Oct 2023 07:35 PM (IST)
कमल ठाकुर, मैहला (चंबा)। Bakan-Kalwara Road Construction Not Completed After 8 Years: लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) मंडल भरमौर के उपमंडल राख के तहत निर्माणाधीन बकान-कलवारा सड़क का निर्माण कार्य करीब आठ वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद भी पूरा नहीं हो पाया है। उक्त सड़क का करीब साढ़े चार किलोमीटर तक का हिस्सा निर्मित करने के बाद ठेकेदार ने उस पर कार्य करना छोड़ दिया था। जिसके बाद दोबारा कार्य शुरू नहीं हो पाया।
इसका नतीजा ये निकला कि मार्ग का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उक्त सड़क के लिए वर्ष 2009 में डीपीआर व टेंडर करके कार्य आवंटित कर दिया गया था। तब इसके लिए करीब साढ़े तीन करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ था।
छह साल तक लटका रहा कार्य
आपको बता दें कि राख व बकान को जोड़ने के लिए पुल न होने के चलते करीब छह साल तक कार्य लटका रहा था और इसके बाद वर्ष 2015-16 में शुरू हुआ था। लेकिन इस दौरान ठेकेदार ने करीब साढ़े चार किलोमीटर सड़क निर्माण करने के बाद जेसीबी खराब होने का बहाना लगाकर कार्य बंद कर दिया था।इस पर लोक निर्माण विभाग ने जब ठेकेदार को जुर्माना लगाया तो ठेकेदार न्यायालय में चला गया, जहां उसने बताया कि विभाग ने न तो उसे डंपिंग साइट उपलब्ध करवाई है और न ही लोगों की जमीनें विभाग के नाम करवाई हैं। इस कारण कार्य करना बेहद मुश्किल है। लगाए गए डंगे की नुमाइश भी नहीं हुई और डीपीआर भी सही नहीं दी गई। ऐसे में कार्य दोबारा शुरू नहीं हो पाया।ये भी पढ़ें- किन्नौर में चौरा के पास हुआ भारी भूस्खलन, सड़कों पर आया भारी मलबा और पत्थर; NH-5 अवरुद्ध
12 गांव की हजारों की आबादी को मिलना था लाभ
उक्त सड़क के निर्माण से 12 गांवों की हजारों की आबादी को सीधा लाभ पहुंचना था। इनमें टिकरैठी, रेया, खोली, दंदरा, धिमला, भटेरा, करवारा-एक, कलवारा-दो तथा संढोल सहित अन्य गांव शामिल हैं। भटेरा तक छोटे वाहन जाते हैं। लेकिन यहां काफी खतरा है।सड़क के लिए लोग जमीनें देने को भी तैयार हैं। लोनिवि ने हाल ही में दोबारा इसका सर्वे करवाया है। लेकिन यह कब तक स्वीकृत होता है, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की जांच के लिए पहुंची मॉनिटरिंग टीम ने इस सड़क को मौत का कुआं कहकर रिजेक्ट कर दिया था।
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