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Himachal News: पांगी में ग्रामीणों के देसी जुगाड़ ने कर प्रशासन को किया शर्मिंदा, नाला पार करने के लिए बना डाली पुलिया

हिमाचल प्रदेश के पांगी में ग्रामीणों ने शिधानी नाले पर अस्थायी पुलिया बनाकर प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। ग्राम पंचायत मोझी के करीब 150 लोगों को पंचायत मुख्यालय सैचू नाला जाने के लिए इस नाले को पार करना पड़ता है। नाले पर स्थायी पुलिया नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी होती थी। अब ग्रामीणों ने खुद ही अस्थायी पुलिया बनाकर समस्या का समाधान निकाल लिया है।

By mithun thakur Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Sat, 24 Aug 2024 07:33 PM (IST)
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पांगी में ग्रामीणों ने तैयार किया अस्थाई पुल
संवाद सहयोगी, पांगी। सरकार, विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों से जब कोई भी आस नहीं दिखी तो ग्रामीणों ने स्वयं ही शिधानी नाले पर अस्थाई पुलिया तैयार कर नाले को पार करने का हल निकाल लिया। ग्राम पंचायत मोझी की आबादी करीब 150 है।

उक्त नाले को पार कर 11वीं व 12वीं कक्षा के सात बच्चे पढ़ाई करने सैचू जाते हैं। शिधानी नाले पर पुलिया बनाने में मोझी वार्ड के लोगों का स हडून गांव के बाशिंदों ने भी साथ दिया। लोगों का कहना है कि पंचायत से कई बार प्रस्ताव सरकार और पांगी प्रशासन को भेजने के बाद भी नाले पर अस्थाई पुलिया का निर्माण नहीं करवाया गया।

स्थानीय लोगों संतराम, विद्याधर, प्रेम लाल, इंद्र देव, राज कुमार, प्रेम चंद, सुरेंद्र कुमार, लक्ष्मी चंद, धर्म चंद, बोध राज तथा शाम लाल का कहना है कि मोझी वार्ड के लोगों को पंचायत से संबंधित कार्य करवाने के लिए पंचायत मुख्यालय सैचू नाला जाना पड़ता है।

कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सैचू, पशु बीमार हो जाए तो उसको भी पशु चिकित्सालय सैचू ले जाना पड़ता है। राशन लेने सहित अन्य कार्यों को करवाने के लिए भी यहीं जाना पड़ता है।

इस वार्ड के छठी से 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सैचूनाला जाते हैं। ग्राम पंचायत सैचू के मोझी गांव तक पहुंचने के लिए लोगों को मोझी और शिधानी नालों को पार करना पड़ता है। दोनों ही नालों पर कोई स्थाई पुलिया नहीं है।

सरकार भले ही विकास कार्य करवाने के लाख दावे करे। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। गांव में प्राथमिक पाठशाला के अतिरिक्त कोई सरकारी सुविधा नहीं है। ग्राम पंचायत सैचूनाला के मोझी गांव के लोगों को अपने पंचायत मुख्यालय सैचू में जाने के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता रजवाड़ से होकर जाता है।

उसमें शिधानी नाला तथा दूसरा रास्ता मोझी नाले को पार कर ग्राम पंचायत साहली से हो कर जाता है। सरकार और प्रशासन की ओर से शिधानी और मोझी नालों पर कोई स्थाई पुलिया नहीं बनाई गई है। पांगी में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन, जहां जरूरत होती है। वहां कोई कार्य नहीं किया जाता है।

कई बार सरकार को शिधानी नाले पर स्थाई पुलिया निर्मित करने के बारे में लिखा जा चुका है। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में शुक्रवार को हडून और मोझी गांव के लोगों ने अस्थाई पुलिया बनाने का कार्य शुरू किया। शनिवार को इसको तैयार कर दिया है। लेकिन, कोई भी भरोसा नहीं कब नाले में पानी बढ़ जाए तथा यह पुलिया उसकी भेंट चढ़ जाए। इसलिए सरकार और प्रशासन को यहां स्थाई पुलिया बनवानी चाहिए।

सुरेंद्र कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत सैचूनाला।

शुक्रवार को पंचायत प्रधान, उपप्रधान, वार्ड मेंबर हडून मोझी के लोगों ने मिलकर शिधानी नाले पर पुलिया निर्मित करने का कार्य शुरू किया। इसको शनिवार को पूरा कर लिया गया है। यह कोई स्थाई समाधान नहीं है। सरकार को स्थाई पुलिया बनवानी चाहिए।

सतीश कुमार राणा, पंचायत समिति सदस्य सैचू-शूण वार्ड।

क्या बोले विधायक साहब?

जैसे ही मामला भरमौर-पांगी विधायक डॉ. जनक राज के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व लोक निर्माण मंत्री से इस बारे में बात की जाएगी। साथ ही इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा। यह कार्य तो प्रशासन स्तर पर हो जाना चाहिए था। ऐसे में सवाल यह है कि क्यों लोगों को अस्थाई पुलिया बनाने के लिए आगे आना पड़ा।

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