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Himachal: राजीव शुक्ला के कौशल से कांग्रेस की बड़ी जीत, क्रिकेट प्रबंधन के माहिर ने भाजपा को भेजा पवेलियन

देश में जब हर जगह कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा हो और उस दौर में पहाड़ की चोटियों पर कांग्रेस का झंडा अगर दिख रहा हो तो उसके पीछे कहीं न कहीं संगठन की एकजुटता और चुनाव लड़ने का कौशल ही दिखता है। फोटो- एएनआइ।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Fri, 09 Dec 2022 09:40 PM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2022 09:40 PM (IST)
राजीव शुक्ला के कौशल से कांग्रेस की बड़ी जीत। फोटो- एएनआइ।

मनोज शर्मा, धर्मशाला। देश में जब हर जगह कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा हो और उस दौर में पहाड़ की चोटियों पर कांग्रेस का झंडा अगर दिख रहा हो तो उसके पीछे कहीं न कहीं संगठन की एकजुटता और चुनाव लड़ने का कौशल ही दिखता है, यह कौशल हिमाचल में भी दिखा है। हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला स्वभाव से बेशक शांत दिखते हैं, लेकिन उनकी काम करने की शैली बताती है कि कांग्रेस को हिमाचल में अगर इस तरह जीत की दहलीज पर पहुंचाया है तो इसके पीछे उनके अनुभव और नेताओं को एक मंच पर लाना ही बड़ी वजह रही।

कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए शुक्ला की रणनीति कारगर

पत्रकारिता से राजनीति में आए शुक्ला क्रिकेट प्रबंधन के भी मझे हुए खिलाड़ी हैं। उनका यही कौशल राजनीति में भी नजर आया है। 2018 के बाद देश में कांग्रेस को इस तरह की जीत नसीब नहीं हुई, लेकिन हिमाचल में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लाने के पीछे शुक्ला की रणनीति कारगर रही।

दो साल पहले बने थे हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी

करीब दो साल पहले हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी बने राजीव शुक्ला के नेतृत्व में ही पिछले साल कांग्रेस ने हिमाचल में हुए उपचुनाव में भी बड़ी जीत हासिल की थी। पिछले साल मंडी संसदीय क्षेत्र, जुब्बल कोटखाई, अर्की व फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दौरान चारों जगह पर कांग्रेस को सफलता मिली थी।

68 में से 40 सीटों पर कांग्रेस की जीत

मंडी संसदीय क्षेत्र मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र होने के साथ ही भाजपा का गढ़ भी माना जाता रहा है, यहां उपचुनाव में भाजपा के सत्ता में होने के बावजूद कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। इसके अलावा तीनों विधानसभा क्षेत्रों में भी उपचुनाव जीते थे। अब विधानसभा चुनाव में 68 में से 40 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज करके यह साबित किया है कि इसके पीछे कहीं न कहीं कांग्रेस प्रभारी की सधी रणनीति रही है।

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