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प्रदेश सरकार करवा ले जांच डरने वाला नहीं हूं: सिपहिया

सात माह में तीन करोड़ के नुकसान का लगाया आरोप, पद छोडऩे के लिए हूं तैयार पर सरकार सार्वजनिक करे चेहरा।

By BabitaEdited By: Updated: Tue, 20 Mar 2018 09:59 AM (IST)
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प्रदेश सरकार करवा ले जांच डरने वाला नहीं हूं: सिपहिया

धर्मशाला, जेएनएन। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंकसीमित (केसीसीबी) का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। चेयरमैन जगदीश सिपहिया ने एक बार फिर बैंक के प्रबंध निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सरकार से उनका तबादला करने की मांग की है। उन्होंने कहा, पिछले सात माह से जबसे मौजूदा एमडी ने कार्यभार संभाला है, तबसे लेकर अब तक बैंक को करीब तीन करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।

बैंक मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि एमडी ने तानाशाही रवैया अपनाया है। चेयरमैन ने कहा कि 26 फरवरी को हुई बीओडी की बैठक में एमडी से वित्तीय शक्तियां ले ली गई थी, बावजूद इसके वह कार्य कर रहे हैं। आरोप लगाया कि सात माह से उन्होंने ऋण की कई फाइलें रोक दी हैं। बकौल सिपहिया, बैंक की साख को कुछ लोग खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ मानहानि का मामला भी दर्ज करवाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी जांच करवा ले वह इससे डरने वाले नही हैं।

टिशू पेपर भी बैंक खाते से

सिपहिया ने कहा कि बैंक के बड़े अधिकारी जो आज नियमों का हवाला दे रहे हैं उन्होंने सात लाख का सामान बिना मंजूरी के आवास के लिए खरीदा है। अधिकतर सामान चंडीगढ़ से खरीदा है और इसमें नैपकिन, टिशू पेपर, पिलो कवर व रजाई सहित बेहद छोटा सामान है और यह बैंक खाते से खरीदा है। इसके

अलावा एक गाड़ी को भी बिना मंजूरी के बैंक के लिए खरीदा और इसे भी सोलन से मंगवाया गया। इस पर भी कानूनी राय लेकर कार्रवाई की जाएगी।

बैंक की लड़ाई बैंक में ही रखे सरकार

सिपहिया ने सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब वह कुर्सी छोडऩे के लिए तैयार नहीं हुए तो उन्हें घर में तंग करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। कहा कि रिश्तेदार के क्रशर को जाने वाली सड़क को बंद करवा दिया गया। चेयरमैन ने कहा कि वह आज भी कुर्सी छोडऩे के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले सरकार यह तो बताए कि उनका अध्यक्ष बनने वाला चेहरा कौन सा है।

'जो नाबार्ड और आरबीआइ के नियम हैं, मैं उनका उल्लंघन नहीं कर सकता हूं। बैंक की जो क्षमता है, उसके अनुसार ही लोन दिया जा सकता है। तीन करोड़ का नुकसान कैसे हो गया यह समझ से परे है। जबसे बैंक का कार्यभार संभाला है कहीं भी नियमों का उल्लंघन नहीं होने दिया है। जहां तक सरकारी आवास में सामान लेने की बात है तो यह भी नियमों के अनुसार ही लिया गया है। जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे बेबुनियाद हैं। मैं नियमों के अनुसार ही कार्य करता हूं और करता रहूंगा।'

-पीसी अकेला, एमडी, केसीसीबी 

उत्पीडऩ मामले में जांच शुरू, महिलाकर्मी का कार्यालय बदला

केसीसीबी के एक जोनल कार्यालय में महिलाकर्मी की ओर से एजीएम पर लगाए गए उत्पीडऩ के आरोपों पर बैंक ने जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में मौके पर भेजी गई कमेटी की सदस्यों ने जांच कर रिपोर्ट प्रबंधन को सौंप दी है। इसके बाद बाद जल्द इस मामले में तस्वीर साफ होगी।

इसी बीच महिला कर्मी को उक्त कार्यालय से बदलकर फिलहाल एक शाखा में लगाया गया है। इस मामले में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट पर ही कार्रवाई होगी। बैंक के एमडी पीसी अकेला ने बताया कि मामले की जांच हो रही है। उक्त महिला को बैंक की शाखा में लगाया गया है। कार्यालय स्टाफ के बयान लिए गए हैं।चेयरमैन जगदीश सिपहिया ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है, मामले में क्या सच्चाई है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा। 

केसीसीबी भर्ती मामले में विजिलेंस जांच शुरू!

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित (केसीसीबी) में कुछ साल पहले हुई भर्ती के मामले में विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। किसी शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने कुछ रिकॉर्ड बैंकसे तलब किया है। इसमें पूर्व सरकार के समय में हुई भर्ती को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। बताते हैं कि ऐसे उम्मीदवारों का चयन हो गया था जो कि योग्यता भी पूरी नहीं करते थे। एक अभ्यर्थी पर सवाल है कि उसके जमा दो में 45 फीसद से भी कम अंक थे लेकिन उसे एक डिप्लोमा की योग्यता पर ही नौकरी दे दी गई थी। विजिलेंस इसके अलावा कुछ और बिंदुओं पर भी जांच कर रही है। उधर, दूसरी ओर रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी ने भी सोमवार को बैंक में जांच की तथा इस दौरान वह कुछ अधिकारियों से भी मिले। उधर, विजिलेंस का कोई भी अधिकारी इस बाबत बोलने के लिए तैयार नहीं है 

'भर्ती में जिस अभ्यर्थी का जिक्र बार-बार हो रहा है उसका चयन नियमों के अनुसार ही हुआ है। जांच के दौरान बैंक अधिकारियों को भी सहयोग करने के लिए कहा है। जांच के दौरान हर कागजात उपलब्ध करवाया जाएगा।'

- जगदीश सिपहिया, चेयरमैन, केसीसीबी

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