Dharamshala News: सूखे से कांगड़ा में गेहूं की 25 प्रतिशत फसल बर्बाद, विशेषज्ञों ने कही ये बात
कांगड़ा में किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। सूखे से कांगड़ा जिले में गेहूं की 25 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। अभी तक जो रिपोर्ट कृषि विभाग के उपनिदेशक कार्यालय में पहुंची है उसमें चंगर क्षेत्र में 25 प्रतिशत गेहूं की फसल प्रभावित हुई है।
धर्मशाला, संवाद सहयोगी। सूखे से कांगड़ा जिले में गेहूं की 25 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार अभी बारिश होने से गेहूं की बची फसल सूखे की मार से बच जाएगी। इसके अलावा दिसंबर के अंतिम पखवाड़े में ही कृषि विशेषज्ञों ने जिन स्थानों में कूहलें हैं, उन्हें कूहलों के जरिये जबकि चंगर क्षेत्र के किसानों को वैकल्पिक माध्यम से फसल सिंचाई के लिए प्रेरित किया था।
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किसान कराएं बीमा
अभी तक जो रिपोर्ट कृषि विभाग के उपनिदेशक कार्यालय में पहुंची है, उसमें चंगर क्षेत्र में 25 प्रतिशत गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। कांगड़ा जिले में 92 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल का उत्पादन होता है। इस बार गेहूं की फसल को लेकर 30,271 किसानों ने बीमा करवाया है। विशेषज्ञों के अनुसार सूखे की मार से बचने के लिए संबंधित किसानों को अपनी फसल का भी बीमा करवाना चाहिए। यदि फसल को नुकसान पहुंचता है, उन्हें मुआवजा भी मिल सकेगा।
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सूखे का प्रकोप
कांगड़ा जिले में पिछले वर्ष 1 लाख, 82 हजार, 750 मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। बुधवार दोपहर बाद आसमान में छाए काले बादलों से किसानों की उम्मीद फिर अच्छी बारिश के लिए जगी है। किसानों को उम्मीद है कि अच्छी बारिश होगी और सूखे से प्रभावित गेहूं की फसल को संजीवनी मिलेगी।
कृषि विभाग पालमपुर के उपनिदेशक राहुल कटोच ने कहा किअभी तक जिले में गेहूं की 25 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई है। इस बार कम बारिश हुई है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी। इससे गेहूं की फसल को संजीवनी मिलेगी। हिमाचल में भारी बर्फबारी से लगातार किसानों का नुकसान हो रहा है।