Dharamshala: शराब व बीयर के ज्यादा दाम वसूलना दुकानदार को पड़ेगा भारी, देना होगा जुर्माना
शिकायतकर्ता के अनुसार दुकानदार से अधिक दाम वसूलने पर उन्होंने कारण भी पूछा लेकिन वह लोग नहीं माने। तरुण चौरसिया ने बताया कि उन्होंने एक ब्रांड की बीयर की आठ बोतल खरीदी थीं। बोतल में मूल्य 85 रुपये लिखा था जबकि उनसे 130 रुपये वसूले थे। इसके अलावा एक अन्य ब्रांड की बीयर का मूल्य 250 रुपये था और उनसे 230 रुपये लिए थे।
By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Tue, 12 Sep 2023 04:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धर्मशाला: ग्राहक से बीयर व शराब की बोतल पर अंकित मूल्य से ज्यादा रुपये वसूलने वाले वाइन शाप संचालक को अब जुर्माने के साथ-साथ मुआवजा और न्यायालय शुल्क भी देना होगा। यह आदेश जिला उपभोक्ता फोरम कांगड़ा के अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद व नारायण ठाकुर की अदालत ने दिया है।
केस के शिकायतकर्ता तरुण चौरसिया निवासी अप्पर बड़ोल दाड़ी ने बताया कि उन्होंने 19 मई, 2023 को धर्मशाला के कंडी क्षेत्र में स्थित सुनील वाइन शाप से बीयर और शराब खरीदी थी, लेकिन उन्होंने निर्धारित मूल्य से अधिक दाम ले लिया।
तय दाम से अधिक वसूले
शिकायतकर्ता के अनुसार अधिक दाम वसूलने पर उन्होंने कारण भी पूछा, लेकिन वह लोग नहीं माने। तरुण चौरसिया ने बताया कि उन्होंने एक ब्रांड की बीयर की आठ बोतल खरीदी थीं। बोतल में मूल्य 85 रुपये लिखा था, जबकि उनसे 130 रुपये वसूले थे। इसके अलावा एक अन्य ब्रांड की बीयर का मूल्य 250 रुपये था और उनसे 230 रुपये लिए थे।आपदा प्रभावितों को किराए पर मिलेगी आवासीय सुविधा, मकान का रेंट देगी हिमाचल सरकार; CM सुक्खू के निर्देश
साथ ही 480 रुपये वाली शराब के 500 रुपये वसूले थे। उन्होंने इस बाबत संबंधित विभाग को भी सूचित किया। विभाग ने वाइन शाप संचालक को पांच हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया था, लेकिन वाइन शाप संचालक ने भुगतान नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की।
साथ ही 480 रुपये वाली शराब के 500 रुपये वसूले थे। उन्होंने इस बाबत संबंधित विभाग को भी सूचित किया। विभाग ने वाइन शाप संचालक को पांच हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया था, लेकिन वाइन शाप संचालक ने भुगतान नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की।
फोरम में सदस्यों ने दोनों पक्षों की ओर से पेश किए तथ्यों का आकलन करते हुए वाइन शाप संचालक को निर्देश दिए हैं कि उसे पांच हजार रुपये जुर्माना देना होगा। इसके अलावा शिकायतकर्ता को 25 हजार मुआवजा व 10 हजार रुपये न्यायालय शुल्क भी देना होगा।
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