Dharmshala News: शोर मचाने से नहीं, मन को शांत करने से मिलती है शांति : धर्मगुरु दलाई लामा
दलाई लामा का कहना है कि आज विश्व में शांति बढ़ाने की बात हर कोई कर रहा है लेकिन शांति के मूल को बहुत कम लोग पहचानते हैं। मुख्य बौद्ध मंदिर मैक्लोडगंज में हुई टीचिंग के अंतिम दिन दलाई लामा ने अनुयायियों से कहा कि विश्व में शांति के लिए हर कोई शोर मचाकर आवाज उठा रहा है लेकिन उसके लिए पहले अपने मन को शांत करना होगा।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला। धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) का कहना है कि आज विश्व में शांति बढ़ाने की बात हर कोई कर रहा है, लेकिन शांति के मूल को बहुत कम लोग पहचानते हैं। मुख्य बौद्ध मंदिर मैक्लोडगंज (Mcleodganj) में हुई टीचिंग के अंतिम दिन दलाई लामा ने अनुयायियों से कहा कि विश्व में शांति के लिए हर कोई शोर मचाकर आवाज उठा रहा है, लेकिन उसके लिए पहले अपने मन को शांत करना होगा। मन की शांति दूसरों का हित करने से मिलती है, न कि उन्हें दुख पहुंचाकर।
दूसरों का करे हित
उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की दवा खाने से मन शांत नहीं होता है। प्रेम और करुणा के पथ पर चलकर ही विश्व में शांति फैलाई जा सकती है। प्रेम और करुणा को हर कोई पसंद करता है, इसलिए अच्छे व्यक्ति बनें और जितना हो सके दूसरों का हित करें।
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बुद्ध को मानने वालों की बढ़ी संख्या
दलाई लामा ने कहा कि प्रेम की भावना हमारे भीतर जन्म से ही होती है, क्योंकि जब हम मां के गर्भ में होते हैं तो प्रेम की वजह से ही हम लोग गर्भ में पलते हैं। वहीं जन्म लेने के बाद भी मां के दूध और प्रेम पर ही निर्भर रहते हैं। इसके बाद भी हम प्रेम से मां के सान्निध्य में बड़े होते हैं। प्रेम हमारे अंदर बचपन से ही होता है। दलाई लामा ने कहा कि चीन में आज के समय में बुद्ध को मानने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। एक समय में चीन में इनकी संख्या में कमी आई थी, लेकिन आज निरंतर बढ़ रही है।