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Dharamshala Politics: बंद संस्थानों के शोर से टूटा तपोवन का सन्नाटा, नौ माह में खोल दिए 900 संस्थान: सुक्खू

कांग्रेस सरकार पूर्व भाजपा सरकार के कार्यालयों को बदले की भावना से डीनोटिफाई कर रही है। पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अल्प कार्यकाल में संस्थानों को डिनोटिफाई करने का रिकार्ड बना दिया है

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 05 Jan 2023 10:53 AM (IST)
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बंद संस्थानों के शोर से टूटा तपोवन का सन्नाटा
तपोवन (धर्मशाला), जागरण संवाददाता : कांग्रेस सरकार पूर्व भाजपा सरकार के कार्यालयों को बदले की भावना से डीनोटिफाई कर रही है। पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अल्प कार्यकाल में संस्थानों को डिनोटिफाई करने का रिकार्ड बना दिया है और इसे सहन नहीं किया जाएगा। सरकार कैबिनेट का गठन करने की स्थिति में नहीं आ पा रही है। बकौल जयराम, जो भी संस्थान खुले हैं उनके लिए पद सृजित हुए हैं और बजट का प्रविधान भी किया है।

10 दिन के में सरकार के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे

इस मामले में सरकार तर्कसंगत जवाब नहीं दे पा रही है। चिंता की बात यह है कि प्रदेश में विधायकों की कमेटियां बनाई गई हैं, जिनसे एक साल में खुले कार्यालयों और संस्थानों को खोलने के लिए रिव्यू करवाया जा रहा है। इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। कैबिनेट के निर्णयों को रिव्यू और उन्हें बदलने का फैसला केवल कैबिनेट ही ले सकती है। यह भी पहली बार हुआ कि 10 दिन के भीतर सरकार के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में दो साल कोरोना ने कहर बरपाया। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पूर्व सरकार के अंतिम एक साल के निर्णयों को रद कर हमारा कार्यकाल पांच के बजाय चार साल कर दिया है। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को निलंबित करने का निर्णय सही नहीं है।

नौ माह में खोल दिए 900 संस्थान: सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि जयराम ठाकुर की पूर्व सरकार को ऐसी कैसी दैवीय शक्तियां आ गई थी कि भाजपा ने अंतिम नौ माह के कार्यकाल में 900 से अधिक संस्थान खोल दिए। इनमें 386 स्कूल और 584 अन्य संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों को बिना बजट के खोला गया और इन्हें चलाने के लिए लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा, पिछली सरकार ने जो संस्थान खोले थे, उन्हें डीनोटिफाई करने के संबंध में विधायकों से चर्चा की है। पूर्व भाजपा सरकार ने ये संस्थान बिना बजट और स्टाफ के खोले थे। अब सरकार आवश्यकता के आधार पर कर्मचारियों की उपलब्धता को देखते हुए समीक्षा के बाद डी-नोटिफाई किए संस्थानों को खोलने पर विचार करेगी।

संस्थान खोलने के बावजूद जनता ने भाजपा को विपक्ष में बिठा दिया

सुक्खू ने बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के हंगामे के बाद कहा कि ऐसे संस्थानों के लिए पहले बजट और स्टाफ का प्रबंध किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया कि 900 से अधिक संस्थान खोलने के बावजूद जनता ने भाजपा को विपक्ष में बिठा दिया। बकौल सुक्खू, सरकार एक बच्चे को भी शिक्षा से वंचित नहीं रहने देगी और जहां जरूरत होगी, वहां एक बच्चे के लिए भी स्कूल खुलेगा। आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने चुनाव से ठीक पहले बिना शिक्षकों के स्कूल खोले। इनमें 130 ऐसे सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं, जहां विज्ञान की कक्षाएं आरंभ कर दी गई, लेकिन शिक्षक है ही नहीं।

सरकार निश्चित तौर पर ऐसे स्कूलों को खोलेगी

सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार राज्यपाल के अभिभाषण में पूर्व सरकार की ओर से बिना बजट प्रविधान और स्टाफ के खोले संस्थानों का रहस्योद्घाटन करेगी। अगर भाजपा विधायकों में दम है तो राज्यपाल के अभिभाषण चर्चा में स्कूलों के स्टाफ का उल्लेख करें। सरकार निश्चित तौर पर ऐसे स्कूलों को खोलेगी। मुख्यमंत्रीने आरोप लगाया कि प्रदेश के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में कभी भी अंतिम वर्ष में इतने संस्थान नहीं खुले। कांग्रेस सरकार आम आदमी की सरकार है और जनता के हित में फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी।

तपोवन स्थित विधानसभा भवन में बुधवार को खूब चहल-पहल थी

वर्ष के 360 दिन चीड़ के जंगलों का सन्नाटा सुनने वाले तपोवन स्थित विधानसभा भवन में बुधवार को खूब चहल-पहल थी। चुनाव के बाद 14वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन पूर्व सरकार के कार्यकाल में खोले संस्थानों को बंद करने पर शोर से तपोवन का सन्नाटा भी टूट गया। विपक्ष ने बदले की कार्रवाई बताया तो सत्तापक्ष का कहना था कि बिना बजट व स्टाफ इन्हें खोला गया।

पहली बार दर्शकदीर्घा में बैठे लोग तालियां बजा रहे

विधानसभा को बना दिया जनसभा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि दर्शकदीर्घा में बैठे लोग तालियां बजा रहे हैं। अधिकारियों की गैलरी में ऐसे लोग बैठे हैं जिन्हें न तो वह जानते हैं और न ही सरकार के लोग। विधानसभा को जनसभा बना दिया है।

कांग्रेस सरकार संवेदनहीन है - सुक्खू 

आइपीएस अधिकारी की मृत्यु के बावजूद चलता रहा जश्न नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंगलवार को कांग्रेस की आभार रैली के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक आइपीएस अधिकारी की मृत्यु होने के बावजूद सरकार का जश्न चलता रहा। इससे पता चलता है कि कांग्रेस सरकार कितनी संवेदनहीन है।

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