Dharmshala: दलाई लामा की सुरक्षा में 12 साल से तैनात कुत्ते 'डूका' को नहीं मिला खरीदार, इतनी रखी गई थी कीमत
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की सुरक्षा में 12 वर्ष तैनात रहे लेब्राडोर कुत्ते डूका की नीलामी में पहले दिन कोई खरीदार नहीं पहुंचा। पुलिस ने 11 से एक बजे तक इंतजार किया लेकिन कोई खरीदार नहीं आया। अब 10 फरवरी को दोबारा नीलामी होगी।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता : तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) की सुरक्षा में 12 वर्ष तैनात रहे लेब्राडोर कुत्ते डूका की नीलामी (Auction Of Duka) में पहले दिन कोई खरीदार नहीं पहुंचा। पुलिस ने 11 से एक बजे तक इंतजार किया, लेकिन कोई खरीदार नहीं आया। अब 10 फरवरी को दोबारा नीलामी होगी। बोली के लिए न्यूनतम दाम 500 रुपये रखा है। हिमाचल पुलिस (Himachal Police) ने डूका को पिछले सप्ताह सेवानिवृत्त कर दिया था। उसके स्थान पर लेब्राडोर प्रजाति (Labrador Breed Dog) के टामी को रखा है।
विस्फोटकों से पुलिस को करता था आगाह
डूका 2010 में सेना प्रशिक्षण केंद्र मेरठ से 1.23 लाख रुपये में खरीदा था। लेब्राडोर प्रजाति का यह कुत्ता 10 से 25 हजार रुपये तक मिल जाता है। विशेष प्रशिक्षण देने के बाद इसकी कीमत बढ़ी है। डूका की सबसे बड़ी खूबी थी कि विस्फोटकों से पुलिस को आगाह करता था। कुत्ता दलाई लामा के कार्यक्रमों से पहले आयोजन स्थल पर रेकी करता था और इसके बाद ही कार्यक्रम सुरक्षित समझे जाते थे।
यह है डूका की डाइट
डूका को सुबह दूध के साथ अंडा दिया जाता है। इसके अलावा 200 ग्राम रोटी भी दी जाती है। शाम के समय 400 ग्राम मटन के साथ 300 ग्राम सब्जी व रोटी दी जाती है।.
क्यों महंगा है डूका
अमूमन लेब्राडोर कुत्ते की कीमत 10 से 25 हजार रुपये तक होती है, लेकिन डूका को ट्रेनिंग के कारण ज्यादा कीमती माना जाता है। लेब्राडोर की आयु करीब 15 साल होती है, लेकिन 12 साल बाद ज्यादातर फिट नहीं रहते हैं। लेब्राडोर देखने में शांत स्वभाव के होते हैं।
डूका को नहीं मिला कोई खरीदार
दलाई लामा की सुरक्षा में तैनात डीसीपी नितिन चौहान ने बताया कि डूका की नीलामी के लिए मंगलवार को दिन में 11 से एक बजे तक इंतजार किया, लेकिन कोई भी खरीदार नहीं आया। ऐसे में अब 10 फरवरी को दोबारा नीलामी पुलिस लाइन मैक्लोडगंज में होगी।