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    हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवंबर में करवाने की तैयारी, इस बार होंगी रिकॉर्ड बैठकें; कार्यालयों में भागदौड़ शुरू

    By Neeraj Vyas Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 06:21 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार नवंबर के अंत में आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि दिसंबर में पर्यटकों की भीड़ के कारण यह फैसला लिया गया है। धर्मशाला के तपोवन में होने वाले शीतकालीन सत्र में इस बार आठ बैठकें होंगी। कार्यालयों में तैयारियां शुरू हो गई हैं और विभिन्न विभाग अपनी-अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगे हैं।

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    हिमाचल प्रदेश विधानसभा का धर्मशाला तपोवन स्थित परिसर। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का धर्मशाला के तपोवन में शीतकालीन सत्र इस बार नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दिसंबर माह में टूरस्टि सीजन होने के कारण धर्मशाला तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटकों तथा पर्यटन कारोबारियों को असुविधा न हो, इस कारण ऐसा किया जा रहा है।

    धर्मशाला के तपोवन में होने वाले शीतकालीन सत्र में इस बार आठ बैठकें होंगी, जो यहां पर अब तक की सबसे लंबी अवधि का विस सत्र रहेगा। 

    सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया रैत में चार दिवसीय फेडरेशन कप क्लासिक एवं इक्विप्ट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 के दूसरे दिन बतौर मुख्यातिथि खिलाड़ियों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

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    कार्यालयों में शुरू हुई भागदौड़

    हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तपोवन में आयोजित होने वाले शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर दफ्तरों में भागदौड़ शुरू हो गई है। तपोवन विधानसभा में शीतकालीन सत्र का आयोजन नवंबर माह के अंतिम सप्ताह में होना सुनिश्चित हुआ है। शीतकालीन सत्र में पर्यटन सीजन का हवाला देकर समय में बदलाव किया गया है। आठ बैठकें सत्र के दौरान आयोजित होंगी।

    कई दफ्तरों में होमवर्क शुरू

    जिला कांगड़ा के कई दफ्तरों ने शीतकालीन सत्र को लेकर अपना होमवर्क शुरू कर दिया है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने बिजली व्यवस्था पूरे शहर व आस पास के क्षेत्रों में सत्र के दौरान पूरी तरह से चकाचक रहे। इसके लिए इंटरनेट पर आनलाइन वर्चुअल बैठक की है। जिसमें सभी उपमंडल स्तर के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अब तक प्रयोग की जा रही बिजली व लोड की जांच करने को कहा गया है। यह सब विधानसभा सत्र से पहले की तैयारियां है।

    सड़क व पेयजल के इंतजाम में जुटे

    वहीं, जलशक्ति विभाग ने विधानसभा सत्र के दौरान पीने के पानी की कोई समस्या शहर व आस पास के क्षेत्रों में न हो इसके लिए इंतजाम शुरू कर दिए हैं। वहीं, नगर निगम धर्मशाला ने धर्मशाला गांधी वाटिका पट्रोल पंप से लेकर शिक्षा बोर्ड तक की सड़क को चकाचक करने का काम छेड़ रखा है। पहले सड़क में पड़े गड्डों को कोलतार डालकर भरा गया और अब पूरे मार्ग में ही कोलतार को बिछाया जा रहा है।

    स्टाफ को जरूरी गाइड़लान

    लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता ईं दिनेश शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कांगड़ा क्षेत्र के अधिशाषी अभियंता रवि भूषण के पास धर्मशाला का प्रभार है। उन्होंने बताया कि आज भी बैठकों में व्यस्त रहे हैं और मंगलवार को भी बैठक व निरीक्षण में व्यस्तता है। स्टाफ को जरूरी गाइड़लान दी गई है। हालांकि चामुंडा डाढ से लेकर धर्मशाला तक की सड़कों में पड़़े गड्डों को पैचवर्क कर कोलतार से भरा गया है। ऐसे में अन्य विभाग भी शीतकालीन सत्र की तैयारियों के मोड में आ गए हैं।

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    गत वर्ष दिसंबर में हुआ था सत्र

    बीते वर्ष 2024 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आयोजन पांच दिन के लिए 17 दिसंबर से 21 दिसंबर तक किया गया था। हर बार यहां पर शीतकालीन सत्र पांच दिन आयोजित होने को लेकर सवाल उठते रहे हैं कि इससे सरकार पर खर्चे का बोझ पड़ता है। मानसून सत्र व अन्य सत्र भी यहां आयोजित होने को लेकर मांग उठती रही है। हालांकि इस बार धर्मशाला में 8 बैठकें सत्र में आयोजित होने की संभावना जताई जा रही है।

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