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Losar Festival: मैक्‍लोडगंज में लोसर उत्सव का आगाज, धर्मगुरु दलाई लामा बोले- 'चीनियों में भी बढ़ी बौद्ध धर्म के प्रति रुचि'

Losar Festival in McLeodganj मैक्‍लोडगंज में तीन दिवसीय लोसर उत्‍सव शुरू हो गया है। तिब्बती समुदाय के लोग 2151 ड्रैगन वुड वर्ष का स्वागत कर रहे हैं। लोसर पर निर्वासित सरकार के केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि चीनियों में भी बौद्ध धर्म के प्रति रुचि बढ़ी है।

By dinesh katoch Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 10 Feb 2024 08:17 PM (IST)
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मैक्‍लोडगंज में लोसर उत्सव का आगाज (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, धर्मशाला। धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) ने कहा है कि आज न केवल तिब्बतियों बल्कि कुछ चीनियों में भी बौद्ध धर्म के प्रति रुचि बढ़ी है। आज दुनिया के कई हिस्सों में तिब्बती आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को तर्कसंगत और व्यावहारिक लाभ के रूप में माना जाता है।

तिब्बती नववर्ष लोसर (Losar Festival) पर तिब्बती समुदाय के नाम जारी संदेश में दलाई लामा ने तिब्बत और निर्वासन में रहने वाले लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही विश्व शांति की कामना की है।

लोगों की आस्‍था और आकांक्षा नहीं हुई कम- धर्मगुरु

बकौल दलाई लामा, चीनी शासन के तहत रहने के बावजूद तिब्बती समुदाय के लोगों की आस्था और आकांक्षा कम नहीं हुई है। समुदाय के लोगों ने अपनी संस्कृति को और भी मजबूती से पकड़ रखा है। पश्चिमी देशों में बड़ी संख्या में लोग तिब्बती संस्कृति और आध्यात्मिकता में रुचि ले रहे हैं। बुद्ध की शिक्षाओं में गुणवत्ता वाली बौद्ध शिक्षाएं हैं और इन्हें हमने संरक्षित किया है।

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मैक्‍लोडगंज में तीन दिवसीय लोसर उत्‍सव शुरू

धर्मगुरु ने कहा, उन्हें लगता है कि यह आवश्यक है कि नई पीढ़ी परंपराओं को संरक्षित करें। शनिवार को मैक्लोडगंज में तिब्बती नववर्ष पर तीन दिवसीय लोसर उत्सव शुरू हुआ। निर्वासित तिब्बतियों व बौद्ध भिक्षुओं ने पहले दिन मैक्लोडगंज स्थित मुख्य बौद्ध मंदिर में पूजा की।

तिब्बती प्रशासन की ओर से आयोजित हुआ कार्यक्रम

तिब्बती समुदाय के लोग 2151 ड्रैगन वुड वर्ष का स्वागत कर रहे हैं और वाटर रैबिट वर्ष 2150 को अलविदा कह रहे हैं। लोसर पर निर्वासित सरकार के केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्य, निर्वासित सरकार के मंत्री और अन्य मौजूद रहे।

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