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Kullu Dussehra Utsav 2023: 'मोहल्ला' में अठारह करोड़ देवी-देवताओं का महामिलन, भगवान रघुनाथ जी के दर पर भरी हाजरी

देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा (Kullu Dussehra Utsav 2023) उत्सव के छठे दिन ढालपुर मैदान देवधुनों से गूंज उठा। मोहल्ला के दौरान करीब अठारह करोड़ देवी-देवताओं का महामिलन भी हुआ। देवी-देवताओं के गूर और पुजारियों ने वहां अपने-अपने देवी-देवता को फूल चढ़ाकर शक्ति का आह्वान किया।

By Gurpreet CheemaEdited By: Gurpreet CheemaUpdated: Mon, 30 Oct 2023 11:22 AM (IST)
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देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा में छठे दिन देवी-देवताओं का मिलन

संवाद सहयोगी, कुल्लू। देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा (Kullu Dussehra Utsav 2023) उत्सव के छठे दिन रविवार को ढालपुर मैदान देवधुनों से गूंज उठा। ढोल-नगाड़ों, करताल, शहनाई नरसिंगों, आदि वाद्य यंत्रों की धुन और देवलुओं के कंधों पर देव रथों से माहौल देवलोक जैसा लग रहा था। इस दौरान भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर में देवी-देवताओं का महामिलन हुआ। इस मिलन को देखने के लिए लोगों की भीड़ नजर आई।

देवी-देवता अपने अस्थायी शिविर से बाहर निकले और ढोल-नगाड़ों की थाप पर भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर व उसके बाद नृसिंह भगवान की चनणी पहुंचे। अस्थायी शिविर के साथ खड़े भगवान रघुनाथ जी के पास सभी देवी-देवताओं ने अपनी हाजरी भरी। देवी-देवताओं के गूर और पुजारियों ने वहां अपने-अपने देवी-देवता को फूल चढ़ाकर शक्ति का आह्वान किया। दशहरा उत्सव के छठे दिन लंका पर विजय के लिए शक्ति से रक्षा की अपील की।

भगवान रघुनाथ के मंदिर में देव आयोजन

उसके बाद आज लंका पर चढ़ाई की जाएगी है। इस वर्ष भी मोहल्ले वाले दिन रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर में देवी-देवताओं सहित लोगों का तांता लगा रहा। राजा की चनणी के पास भी काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। भगवान रघुनाथ के मंदिर में देव आयोजन हुआ।

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कुल्लू के समस्त देवी-देवता रावण का सफाया करने के लिए मोहल्ला में एकत्रित हुए। रावण का खात्मा करने के लिए देवी-देवताओं ने शक्ति अर्जित की। रघुनाथ के रजिस्टर में 277 देवी-देवताओं की पंजीकरण छठे दिन उत्सव में भाग लेने ढालपुर मैदान पहुंचे। सभी देवी-देवताओं ने रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर में हाजिरी भरी।

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सभी देवी-देवताओं की रघुनाथ जी के रजिस्टर में एंट्री होने के बाद अठारह करोड़ देवी-देवताओं का महामिलन भी हुआ। सबसे पहले हिडिंबा माता का नाम दर्ज हुआ। शाम तक करीब 277 देवी-देवताओं मिलन को पहुंचे। नृसिंह जी की गद्दी पर विराजमान भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह के समक्ष पहुंचे।