Dharamshala: डल झील में नहीं रुक रहा रिसाव, अब बारिश से ही आस; महापौर बोली- 'सीएम के आगे रखेंगे समस्याएं'
धर्मशाला में डल झील के भरने की अब आस बारिश से ही है। डल झील में पानी की कमी से मर रही मछलियों को जलशक्ति विभाग ने जल देकर जीवनदान दे दिया है। वहीं झील के साथ छेड़छाड़ करने वाले शरारती तत्वों का पता लगाकर कार्रवाई करने की मांग की है। महापौर ने कहा कि वो तमाम समस्याएं सीएम सुक्खू के सामने भी रखेंगी।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला। डल झील को भरने के लिए अब वर्षा से ही आस है। हालांकि, डल झील में मर रही मछलियों को जलशक्ति विभाग ने पानी डालकर जीवनदान तो दे दिया है लेकिन इसमें डाला पानी कितने दिन तक रहेगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। जल शक्ति विभाग ने डल झील के पानी के खोले वाल्व बंद कर दिए हैं, लेकिन अभी तक रिसाव पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रामोत्रा सहित जल शक्ति विभाग के एसडीओ और नगर निगम की महापौर नीनू शर्मा ने भी डल झील का निरीक्षण किया है।
शरारती तत्वों का पता लगाकर कार्रवाई करने की मांग
जल शक्ति विभाग के पास भी इतना पानी नहीं है कि वह लगातार अपने टैंक को खाली करके डल झील के लिए पानी की आपूर्ति कर सके। ऐसे में अब वर्षा होने पर आस है कि डल झील भर जाए। क्रांति संस्था के अध्यक्ष धीरज महाजन ने बताया कि डल झील में पानी भरा जाना चाहिए। अब लगता है कि इंद्र देवता ही डल झील को भरेंगे। झील से छेड़छाड़ गलत है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासनिक तौर पर ऐसे शरारती तत्वों का पता लगाना चाहिए जो कि अन्य के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं।
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मुख्यमंत्री से रखी जाएंगी धर्मशाला की समस्याएं- महापौर
नगर निगम धर्मशाला महापौर नीनू शर्मा ने कहा कि डल झील हमारी धरोहर है। पर्यटन विभाग भी हाथ पीछे खींच रहा है, लेकिन पर्यटन के नाम पर पर्यटन विभाग के काफी बुकलेट व पोस्टरों में डल झील का फोटो अंकित है। पर्यटन व वन विभाग को भी कदम बढ़ाना चाहिए। जल शक्ति विभाग को फिर से डल झील में पानी डालने के लिए कहा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू जब धर्मशाला आएंगे तो उनके समक्ष धर्मशाला की विभिन्न समस्याओं को रखा जाएगा।