NCERT ने बदला पाठ्यक्रम, सोता रहा हिमाचल शिक्षा बोर्ड; विद्यार्थियों ने पुस्तकें खरीद कर शुरू की पढ़ाई
पाठ्यक्रम में बदलाव 12वीं के विज्ञान विषयों में ही हुआ है। उदाहरण के लिए 12वीं की केमिस्ट्री में पहले 16 अध्याय थे परिवर्तित पाठ्यक्रम में 10 ही रह गए हैं। बोर्ड के इस रवैये से 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Thu, 27 Apr 2023 05:00 AM (IST)
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों के विद्यार्थी इन दिनों असमंजस के शिकार हैं। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकें संशोधित पाठ्यक्रम वाली हैं। इनमें पाठ्यक्रम कम किया गया है। जाहिर है, विद्यार्थियों ने ये पुस्तकें खरीद कर पढ़ाई आरंभ कर दी है। किंतु हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से अब तक संशोधित पाठ्यक्रम की कोई अधिसूचना जारी नहीं है। यूं कहें कि अब तक इस महत्वपूर्ण विषय को बोर्ड ने ध्यान देने योग्य ही नहीं समझा है।
पाठ्यक्रम में मोटे तौर पर बदलाव 12वीं के विज्ञान विषयों में ही हुआ है। उदाहरण के लिए 12वीं की केमिस्ट्री में पहले 16 अध्याय थे, परिवर्तित पाठ्यक्रम में 10 ही रह गए हैं। बोर्ड के इस रवैये से 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वे असमंजस में हैं। दिलचस्प यह है कि बोर्ड इस विषय को विशेषज्ञों की समिति के माध्यम से हल करने की बात कह रहा है।
यह तब है, जब पुस्तकें विद्यार्थियों तक पहुंच गई हैं। बोर्ड की सुस्त कार्यप्रणाली का प्रमाण यह भी है कि अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि दसवीं और बारहवीं के लिए इस बार सेमेस्टर व्यवस्था रहेगी या वार्षिक। प्रदेश के कुछ लोगों ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव को ईमेल के माध्यम से सूचित कर समस्या का समाधान करने की मांग की है।
राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि इस बाबत शिक्षा बोर्ड से बात हुई है और समस्या का समाधान शीघ्र करने का आश्वासन दिया है। कहा, संघ विद्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं होने देगा। समस्या मेरे ध्यान में है। अभी बोर्ड के विषय विशेषज्ञ 10वीं और 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में जुटे हैं। मूल्यांकन कार्य खत्म होने के साथ ही विषय विशेषज्ञों के साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। (डा. विशाल शर्मा, सचिव शिक्षा बोर्ड)।
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