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गद्दी समुदाय की उपजातियों को मिले जनजातीय का दर्जा

हिमालय गद्दी यूनियन की बैठक अध्यक्ष रमेश मस्ताना की अध्यक्षता में हुई। इसमें गद्दी समुदाय की अनुसूचित जनजातीय दर्जा मिलने से वंचित उपजातियों को जनजातीय दर्जा देने की मांग की गई।

By Munish DixitEdited By: Updated: Mon, 05 Feb 2018 12:26 PM (IST)
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गद्दी समुदाय की उपजातियों को मिले जनजातीय का दर्जा

धर्मशाला, जेएनएन। हिमालय गद्दी यूनियन की कार्यकारिणी की बैठक यूनियन अध्यक्ष रमेश मस्ताना की अध्यक्षता में हुई। इसमें गद्दी समुदाय की अनुसूचित जनजातीय दर्जा मिलने से वंचित उपजातियों को जनजातीय दर्जा दिलाए जाने पर मंथन किया गया। यूनियन के उपाध्यक्ष मंगत राम ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री किशन कपूर से इस संबंध में बातचीत की गई है तथा उन्हें मांग पत्र भी सौंपा गया है। यूनियन के अध्यक्ष रमेश मस्ताना ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब गद्दी समुदाय की छह उपजातियां क्रमश: गद्दी हाली, गद्दी बाढी, गद्दी सिप्पी, गद्दी धौगरी, गद्दी लोहार आदि सभी हिमालय गद्दी यूनियन के रूप में संगठित हैं।

जनजातीय दर्जा हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए तैयार हैं। फरवरी में ही सौकणी दा कोट पंचायत में यह सभी उपजातियां भारी संख्या में एकत्रित होंगी तथा समुदाय के लोगों के साथ इस संबंध में चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री किशन कपूर को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाएगा। इसी तरह के कार्यक्रमों का आयोजन बैजनाथ, शाहपुर के अलावा उन सभी क्षेत्रों में किया जाएगा जहां गद्दी समुदाय की उक्त उपजातियों की अधिक संख्या हो।

धर्मशाला में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया है कि सरकार से जल्द वंचित उपजातियों को जनजातीय दर्जा दिलवाने के लिए मांग उठाई जाएगी। राजस्व अभिलेख के अनुसार कुछ स्थानों में उपजातियों से पूर्व गद्दी शब्द का प्रयोग होता है, लेकिन समुदाय के सभी लोगों को अभी तक इसका लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इसके लिए सरकार के माध्यम से राजस्व अभिलेख में पूर्ण सुधार करवाने के लिए आग्रह किया जाएगा। बैठक के दौरान खेद व्यक्त किया गया कि चौधरी समुदाय में कई सारी उपजातियां हैं, गोरखा समुदाय में कई सारी उपजातियां हैं, लेकिन समुदाय एक ही है। गद्दी समुदाय ही एक ऐसा समुदाय है, जिसमें 13 उपजातियां हैं और इन 13 उपजातियों में से सात उपजातियों को जनजातीय दर्जा प्राप्त है और छह उपजातियां आज भी वंचित हैं।

सरकार से बार-बार मांग की जा रही है कि इन उपजातियों को भी जनजातीय दर्जा दिया जाए तथा गद्दी समुदाय को विभाजित न किया जाए। इसके अलावा हिमालयन गद्दी यूनियन को सशक्त बनाने के लिए कार्ययोजना व रणनीति भी बनाई गई। इस मौके पर मंगत राम, कंडी से राधेश्याम, योल से प्रीतम चंद, रक्कड़ से निक्कू राम व जागृत कुमार, डल लेक से सुनील व पूर्ण सिंह, गमरु से प्रीतम चंद, लूंटा से संजय कुमार आदि उपस्थित रहे।

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