Himachal News: बड़सर-नादौन के दो दिवसीय प्रवास पर रहेंगे सीएम सुक्खू, जनसमस्या सुनने के बाद करेंगे लोगों से संवाद
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 और 5 नवंबर को बड़सर और नादौन विधानसभा क्षेत्र के दो दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वह कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। साथ ही सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों से सीधे संवाद करेंगे। चकमोह के बाद मुख्यमंत्री गांव कलवाल और लंजयाणा का दौरा भी करेंगे।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 और 5 नवंबर को बड़सर और नादौन विधानसभा क्षेत्र के दो दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। प्रवास कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री सोमवार 4 नवंबर को शाहतलाई के हैलीपैड पर उतरने के बाद दोपहर करीब एक बजे चकमोह पहुंचेंगे।
चकमोह में वह सलौणी-दियोटसिद्ध सड़क के चौड़ीकरण के कार्य का भूमि पूजन, बड़सर-शाहतलाई सड़क के सुदृढ़ीकरण का उदघाटन और लोक निर्माण विभाग के नए उपमंडल बिझड़ी का शुभारंभ करेंगे।
‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की करेंगे अध्यक्षता
चकमोह के बाद मुख्यमंत्री गांव कलवाल और लंजयाणा का दौरा भी करेंगे तथा शाम को लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह सेरा के लिए रवाना हो जाएंगे।मंगलवार 5 नवंबर को मुख्यमंत्री सुबह सेरा के विश्राम गृह में जनसमस्याएं सुनेंगे तथा स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ संवाद करेंगे। दोपहर लगभग एक बजे वह ग्राम पंचायत पुतड़ियाल में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
विभाग की तरफ से सभी तैयारी पूरी
इसी दिन शाम को वह आईटीआई रैल के हैलीपैड से शिमला लौट जाएंगे। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के दौरे के लिए जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की ओर से सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं।क्या है मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक नई पहल करते हुए ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ शुरू करने जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता को उनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
योजना का मुख्य उद्देश्य दो विशिष्ट आयु समूहों को सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं और विकलांग माता-पिता को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1000 रुपये का मासिक अनुदान प्रदान किया जाएगा।इसके अतिरिक्त, स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठयक्रमों में प्रवेश पाने वाले बच्चों को ट्यूशन और छात्रावास का खर्च वहन करने के लिए भी सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण विधवा और परित्यक्त महिलाओं को अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
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