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Anurag Thakur V/S Satpal Raizada: हमीरपुर की जनता में इस बार किसका ‘अनुराग’, 26 साल से कांग्रेस को सीट की तलाश

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र (Hamirpur Lok Sabha Seat) के रण में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर लगातार पांचवीं बार मैदान में हैं उनके सामने कांग्रेस के सतपाल रायजादा हैं। यहां 12 प्रत्याशियों में से मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में हमीरपुर ऊना व बिलासपुर जिलों की सभी 14 विधानसभा सीटें आती हैं। कांगड़ा जिला की दो व मंडी जिला की धर्मपुर सीट हमीरपुर में है।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Sat, 01 Jun 2024 01:53 PM (IST)
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हमीरपुर की जनता में इस बार किसका ‘अनुराग’ (फाइल फोटो)
रणवीर ठाकुर, हमीरपुर। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के रण में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर लगातार पांचवीं बार मैदान में हैं, उनके सामने कांग्रेस के सतपाल रायजादा हैं। यहां 12 प्रत्याशियों में से मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच है।

26 साल से इस सीट पर जीत की तलाश कर रही कांग्रेस को इस बार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का भी सहारा है। आज यह जनता तय करेगी कि उसके मन में किसके प्रति अनुराग और किसके प्रति अनुराग नहीं है।

अनुराग ठाकुर के पास गिनाने के लिए एम्स से लेकर कई ऐसे कार्य हैं, जिनके दम पर वे आश्वस्त हैं। उनके पास पीएम मोदी की उपलब्धियां गिनाने के लिए राम मंदिर तो है ही, अपने संसदीय क्षेत्र के लिए चलाई देश की तीसरी वंदे भारत भी है। जिस ऊना रेलवे स्टेशन पर 2014 तक मात्र एक रेलसेवा ही उपलब्ध थी वहां अब 13 रेलगाड़ियां चल रही हैं। इसलिए अनुराग के पास गिनाने के लिए कई कार्य हैं।

कांग्रेस 15 माह के कार्यकाल के साथ मैदान में उतरी है। कांग्रेस के सतपाल रायजादा अनुराग से 16 साल का हिसाब मांग रहे हैं। अनुराग भाजपा की टिकट पर लगातार चार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार हमीरपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने से पहले अनुराग ठाकुर के हिमाचल से बाहर से चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं, लेकिन अंतत: पार्टी ने मार्च में ही अनुराग के नाम की आधिकारिक घोषणा कर दी।

मैदान में उतरने वाली थीं मुकेश अग्निहोत्री की बेटी आस्था

कांग्रेस में टिकट के लिए लंबा मंथन चला। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और उनकी बेटी आस्था अग्निहोत्री से हाईकमान ने चुनाव में उतरने का आग्रह किया, पर वे चुनाव लड़ाने को तैयार नहीं हुए। चूंकि, मुकेश की पत्नी प्रोफेसर सिम्मी का कुछ समय पूर्व ही निधन हुआ था, इस वजह से मुकेश ने चुनाव लड़ने से इनकार किया था।

इसी बीच ऊना सदर के पूर्व कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा नाम घोषित हुआ। सतपाल रायजादा 2022 में ऊना सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस कारण भी हाईकमान उन्हें टिकट देने से बच रहा था। इस सीट पर रायजादा के साथ मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है।

भाजपा को 'दो कमल' की उम्मीद

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्रों सुजानपुर, बड़सर, कुटलैहड़ व गगरेट में उपचुनाव भी हो रहा है। ऐसे में भाजपा इन दो क्षेत्रों में लोगों से दो-दो कमल मांग रही है।

हमीरपुर जिले में कांग्रेस मुख्यमंत्री के नारे के साथ लोगों को साधने में जुटी है जबकि, ऊना में उपमुख्यमंत्री पर लीड दिलाने का जिम्मा है। बिलासपुर जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों, कांगड़ा जिले के देहरा व जसवां परागपुर के अलावा मंडी जिले के धर्मपुर हलके पर सबकी नजर टिकी है।

इन क्षेत्रों की बढ़त किसी भी प्रत्याशी की जीत का आधार बन सकती है। ऊना से रायजादा को बढ़त दिलाने की जिम्मेदारी सीधे मुकेश से भी जुड़ी है। बिलासपुर जिला निर्णायक की भूमिका में होगा। बिलासपुर से तीन विधायक भाजपा के हैं और कांग्रेस के एकमात्र विधायक राजेश धर्माणी हिमाचल सरकार में मंत्री हैं।

2014 में कौन जीता था?

        प्रत्याशी    पार्टी        मत
     अनुराग ठाकुर   बीजेपी       4,48,035
      राजेंद्र राणा   कांग्रेस       3,49,632
98,403 मतों से जीते अनुराग ठाकुर

2019 में क्या थे नतीजे?

        प्रत्याशी         पार्टी      मत 
    अनुराग ठाकुर        बीजेपी    6,82,692
   राम लाल ठाकुर        कांग्रेस     2,83,120
3,99,572 मतों से जीते अनुराग ठाकुर

17 विधानसभा क्षेत्रों वाले हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में 2019 के चुनाव में अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल ठाकुर को 3.99 लाख वोटों से हराया था। इस दौरान सबसे अधिक बढ़ते वाले विधानसभा क्षेत्रों में सबसे पहले स्थान पर जिला कांगड़ा का जसवां परागपुर था और दूसरे स्थान पर सीएम का हलका नादौन रहा, जहां से अनुराग को 27 हजार 825 वोटों की बढ़त थी।

इन स्टार प्रचारकों ने की धुआंधार रैलियां

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी भी सभाएं कर चुकी हैं। इसके अलावा भाजपा की ओर से जगत प्रकाश नड्डा, नितिन गडकरी व योगी आदित्यनाथ सभाएं कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तो लगातार कार्यकर्ताओं से संवाद और बैठकें करते रहे।

अनुराग ठाकुर ने हर विधानसभा क्षेत्र में दो-दो बार दौरा किया है। प्रचार के अंतिम दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह क्षेत्र नादौन में रैली के जरिये इस प्रचार अभियान का समापन किया।

कांग्रेस के मुद्दे

कांग्रेस हमीरपुर तक रेललाइन न पहुंचाने पर भाजपा को घेरती रही। कोई बड़ा प्रोजेक्ट हमीरपुर में न लाने के आरोप भी लगाए गए। आपदा के नाम पर केंद्र सरकार से राहत राशि न दिलाने पर भाजपा पर निशाना साधा। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के चार विधायकों को खरीदने के आरोप भी लगाए गए। मुख्यमंत्री सुक्खू को हटाने के लिए षडयंत्र रचने का भी मुद्दा प्रमुखता से उठाया। सरकार की उपलब्धियां गिनाईं।

भाजपा के मुद्दे

प्रचार के दौरान भाजपा ने प्रदेस सरकार को गारंटियों पर खूब घेरा। इसके अलावा आपदा के दौरान केंद्र द्वारा दी गई राहत राशि परभी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हमीरपुर में मेडिकल कालेज खोलने का श्रेय लेने पर मुख्यमंत्री को निशाना बनाया। संसदीय क्षेत्र में वंदेभारत समेत कई रेलागाड़ियों के संचालन को उपलब्धि बताया। फोरलेन का श्रेय भी लिया। एम्स का शिलान्यास व उद्घाटन भी मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ।

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