बाबा बालकनाथ मंदिर का प्रसाद खाने के लिए खतरनाक! रोट का सैंपल फेल होने के बाद ट्रस्ट की दुकान बंद
Baba Balaknath Temple Prasad बाबा बालक नाथ मंदिर में बेचे जा रहे प्रसाद के सैंपल खाने के लिए अनुपयुक्त पाए गए हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग ने मंदिर ट्रस्ट (Temple Trust) की कैंटीन को सील कर दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने मंदिर से प्रसाद के नमूनों के परीक्षण के परिणामों का ब्यौरा मांगा है।
पीटीआई, हमीरपुर। बाबा बालक नाथ मंदिर में बेचे जा रहे 'प्रसाद' के नमूने खाने के लिए अनुपयुक्त पाए जाने के एक दिन बाद मैनेजमेंट ने बुधवार को कैंटीन को बंद कर दिया और कहा कि इसकी सेवाएं आउटसोर्स की जाएंगी।
बरसर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट व बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट, दियोटसिद्ध के अध्यक्ष राजेंद्र गौतम ने कहा कि ट्रस्ट की एक कैंटीन की सेवाएं पहले ही आउटसोर्स की जा चुकी हैं।दूसरी कैंटीन की सेवाओं को आउटसोर्स करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि इस कैंटीन को बंद कर दिया गया है और सेवाओं को आउटसोर्स करने के लिए निविदा प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
रोटों को हुई थी लैब द्वारा जांच
खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो महीने पहले बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोटों के नमूने जांच के लिए सोलन जिले के कंडाघाट स्थित कंपोजिट टेस्टिंग लैबोरेटरी में भेजे थे। नमूने खाने लायक नहीं पाए गए। निजी दुकान से लिए गए रोटों के नमूने भी जांच में फेल हो गए।
अधिकारियों के अनुसार गेहूं, चीनी और घी से बने रोट भारी मात्रा में तैयार किए जाते हैं और कई दिनों में बेचे जाते हैं। इसलिए वे बासी हो जाते हैं। प्रसाद बेचने वाली मुख्य कैंटीन मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू से ही चलाई जा रही थी और उसका अच्छा कारोबार चल रहा था। हर साल करीब 50-75 लाख लोग बाबा बालक नाथ मंदिर में रोट, मिठाई और अन्य चीजें चढ़ाते हैं।
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